दिल्ली सरकार ने कहा है कि होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हल्के और बिना लक्षणों वाले हर मरीज को दिल्ली सरकार ऑक्सी पल्स मीटर देगी, ताकि वे अपना ऑक्सीजन स्तर मापते रहें. यदि मरीज के ऑक्सीजन का स्तर गिरता है, तो उन्हें तत्काल कंसंट्रेटर के जरिए ऑक्सीजन दी जाएगी. सरकार की ओर से बताया गया कि इसके लिए सभी जिलों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जा रहे हैं.

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मरीजों को दिया जाएगा ऑक्सी पल्स मीटर

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि जिन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण होते हैं, हल्का बुखार या थोड़ी सी खांसी है या कोई लक्षण नहीं है. ऐसे लोगों का इलाज घर में ही किया जाता है. सरकार की टीम रोज इन मरीजों को फोन कर हालचाल पूछती है और उनको सलाह देती है कि उन्हें क्या-क्या करना है. कोरोना में मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिर जाता है. मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है और मरीज को तुरंत ऑक्सीजन देने की जरूरत होती है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने तय किया है कि दिल्ली सरकार अब हर होम आइसोलेशन वाले मरीज को एक ऑक्सी पल्स मीटर देगी. मरीजों को ठीक होने के बाद ये मीटर सरकार को वापस करना होगा. मरीजों को एक नम्बर दिया जाएगा जिस पर फोन करने पर कुछ ही देर में कंसंट्रेटर ऑक्सीजन आपके घर पहुंच जाएगी. जरूरत महसूस होने पर तुरंत मरीज को अस्पताल भेज दिया जाएगा.  

दस दिन में 23 हजार नए केस बढ़े

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले 10 दिनों में 23 हजार नए केस बढ़े हैं, लेकिन केवल 900 बेड की ही जरूरत पड़ी है, क्योंकि बाकी मरीज हल्के या बिना लक्षणों वाले पाए गए, जिनका होम आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में अभी 6200 बेड भरे हैं और आज की तारीख में 7000 बेड खाली और उपलब्ध हैं. मुख्यमंत्री की ओर से ये भी कहा गया कि आज पूरा देश चीन के खिलाफ दो युद्ध लड़ रहा है. एक तरफ, चीन से भेजे गए वायरस के खिलाफ हमारे डॉक्टर और दूसरी तरफ, बॉर्डर पर हमारे सैनिक युद्ध लड़ रहे हैं और जब तब हम जीतेंगे नहीं, तब तक देश पीछे नहीं हटेगा.

दिल्ली में 25 हजार केस एक्टिव, 33 हजार लोग ठीक हुए

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में कोरोना काफी फैला हुआ है. एक तरफ, जनता और केंद्र सरकार के साथ मिलकर इसे काबू करने की पूरी कोशिश की जा रही हैं. दूसरी तरफ, जिन लोगों को कोरोना हो जाए, उनका इलाज करने की पूरी व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं. आज दिल्ली में करीब 25 हजार एक्टिव केस हैं. 33 हजार लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. 25 हजार लोगों को अभी भी कोरोना है. अस्पतालों में इस समय 6 हजार के करीब मरीज भर्ती हैं और 12 हजार लोगों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि आज से ठीक एक सप्ताह पहले दिल्ली में 24 हजार एक्टिव केस थे. एक सप्ताह में केवल एक हजार केस बढ़े हैं. इसका मतलब यह है कि जितने लोग ठीक हो रहे हैं, उतने ही लोग बीमार हो रहे हैं. फिलहाल ऐसा लगता है कि कोरोना के मामलों में स्थिरता आ रही है.

 

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दिल्ली में रोज 18 हजार लोगों की जांच हो रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों हमने जांच तीन गुना बढ़ा दी है. बीच में लोगों को जांच कराने में दिक्कत आ रही थी. लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं है. पहले रोज 5 हजार जांच की जा रही थी. अब प्रतिदिन 18 हजार के करीब जांच की जा रही है. बीच में कुछ लैब ने गड़बड़ी करने की कोशिश की थी, उनके खिलाफ हमने कार्रवाई की, क्योंकि गलत काम किसी को नहीं करने दिया जा जाएगा. जब उनकी जांच की गई, तो पता चला कि कुछ लैब ऐसी थीं, जो केस निगेटिव होने के बाद भी पॉजिटिव रिपोर्ट दे रही थी. अब सभी लैब को सख्ती के साथ कहा गया है कि सही काम करना है और पूरी क्षमता के साथ खूब जांच करनी है. केंद्र सरकार की मदद से दिल्ली में एंटीजन टेस्ट भी शुरू किए गए हैं. एंटीजन टेस्ट रैपिड टेस्ट होता है, जिसमें 15 से 30 मिनट में पता चल जाता है कि मरीज संक्रमित है की नहीं . इस समय दिल्ली के अंदर प्रतिदिन 18 हजार जांच हो रही है। मुझे लगता है कि अब किसी को जांच कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी।