दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्‍ली सरकार ने ऑड-ईवन सिस्‍टम को लागू करने का फैसला किया है. दिवाली के बाद 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन सिस्‍टम लागू रहेगा. इस एक हफ्ते में ऑड-ईवन को लेकर क्‍या नियम रहेंगे, इसको लेकर दिल्‍ली सरकार ने ड्राफ्ट तैयार रखा है. आज दिल्‍ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 13 नवंबर से 20 नवंबर तक लागू होने वाली ऑड-ईवन व्‍यवस्‍था को लेकर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए एक बैठक भी बुलाई है.

चौथी बार लागू होगा ऑड-ईवन सिस्‍टम

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एक अधिकारी के मुताबिक उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था को लागू करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक दोपहर 12 बजे होगी, जिसमें परिवहन विभाग, राजस्व विभाग और अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. बता दें कि दिल्‍ली में पहली बार ये सिस्‍टम साल 2016 में लागू किया गया था. इसके बाद उसी साल 15 से 30 अप्रैल के बीच इसे लाया गया. इसके बाद 2019 में 4-15 नवंबर तक ऑड ईवन को लागू किया गया. अब ये चौथी बार लागू होने जा रहा है. इस मामले में दिल्‍ली की केजरीवाल सरकार का कहना है कि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए इसे 20 नवंबर के बाद आगे भी बढ़ाया जा सकता है.

क्‍या है ऑड-ईवन सिस्‍टम

ऑड-ईवन सिस्‍टम में दिल्‍ली में नंबर प्लेट के आखिरी अंकों के आधार पर गाड़ियों की आवाजाही होती है.  ऑड दिनों पर ऑड नंबर प्लेट (1,3,5,7 और 9) वाली गाड़ियां चलती हैं और ईवन दिनों पर ईवन अंकों (2,4,6,8 और 0) वाली गाड़‍ियां सड़कों पर दौड़ती हैं. बता दें कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ने की आशंका है, इसको देखते हुए दिल्‍ली सरकार ने इस व्‍यवस्‍था को लागू करने का फैसला किया है. ऑड-ईवन सिस्‍टम की टाइमिंग को लेकर फिलहाल सरकार की ओर से कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि पहले की तरह ही इस बार भी ये व्‍यवस्‍था सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक लागू हो सकती है. 

सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल

ऑड-ईवन सिस्‍टम को लेकर दिल्‍ली सरकार ने सोमवार को ही ऐलान किया था और मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार की योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस व्‍यवस्‍था को महज दिखावा बताया. शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा कि क्या सम-विषम योजना तब सफल हुई थी जब इसे पहले लागू किया गया था? इसी के साथ SC ने पड़ोसी राज्यों पराली जलाने पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया था.