Covid Vaccination: भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' (Covaxin) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) बहुत जल्द अपनी इमरजेंसी यूज लिस्ट (EUL) में शामिल कर सकता है. WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने इसके संकेत दिए हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (CSE) के एक वेबिनार में स्वामीनाथन ने कहा कि भारत बायोटेक अपने Covaxin का  सारा डेटा हमारे पोर्टल पर अपलोड कर रहा है और WHO इस वैक्सीन की जांच कर रहा है.

एक्सपर्ट ग्रुप करती है जांच

स्वामीनाथन ने बताया कि WHO की गाइडलाइंस के मुताबिक EUL वो प्रोसेस है, जिसमें एक नई या गैर-लाइसेंसी प्रोडक्ट को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के दौरान इस्तेमाल करने की मंजूरी दी जाती है. इसमे कंपनियों को तीसरे फेज का ट्रायल पूरा करना होता है और सारा डेटा WHO के रेगुलेटरी डिपार्टमेंट में जमा करना होता है. इन डेटा की एक एक्सपर्ट एडवायजरी ग्रुप जांच करती है.

स्वामीनाथन ने आगे कहा कि इन डेटा में सुरक्षा, प्रभाव (Safety and efficacy) और मैन्यूफैक्चरिंग स्टैंडर्ड आदि शामिल होते हैं. क्योंकि भारत बायोटेक ने पहले ही सारे डेटा जमा कर दिया है, तो मुझे लगता है कि अगले 4-6 हफ्ते में इसे इमरजेंसी लिस्ट में शामिल करने पर फैसला किया जा सकता है.

इन वैक्सीनों को मिल चुकी है मंजूरी

वर्तमान में WHO ने फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), एस्ट्राजेनेका ईयू, जानसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म के कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है.

स्वामीनाथन ने कहा कि अभी तक हमने 6 वैक्सीन को EUL की मंजूरी दी है. हमारे एडवायजरी ग्रुप से कुछ सिफारिशें भी प्राप्त हुई है. हमें कोवैक्सीन से उम्मीद है और अब एडवायजरी ग्रुप इसकी समक्षी करेगी.

डेल्टा वैरिएंट है घातक

कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर बोलते हुए चीफ साइंटिस्ट ने कहा कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट काफी तेजी से फैलता है. इससे बचाव के लिए वैक्सीन की दो डोज लगवाना जरूरी है. वैक्सीन लगवाने का मतलब यह कतई नहीं है कि इसके बाद आपको कोरोना नहीं हो सकता है, इसलिए वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कोरोना से जुड़ी सारी सावधानियां- जैसे फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पूरा पालन करना चाहिए.