Seat Belt Alarm Blocker: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद सरकार सीट बेल्ट को लेकर काफी गंभीर हो गई है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर ई-कॉमर्स कंपनियों को कार सीट बेल्ट अलार्म को बंद करने के लिए बनाए गए डिवाइस को नहीं बेचने के लिए कहा है. अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority) ने इस साल मई में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की शिकायत के आधार पर कार सीट बेल्ट अलार्म को निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन किए गए उपकरणों को बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस भेजा था. 

कैसे काम करता है ये डिवाइस

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दरअसल कार में सीट बेल्ट अलार्म (Seat Belt Alarm) लगे होने से अगर आप सीट बेल्ट लगाना भूलते हैं, तो यह अलार्म आपको चौकन्ना कर देता है, लेकिन कई बार लोग इसे काफी झंझट भरा काम समझकर लापरवाही कर देते हैं. ऐसे में यह अलार्म ब्लॉकिंग डिवाइस जो कि एक मेटल क्लिप जैसा होता है, सीट बेल्ट के सर्किट को पूरा कर देता है और सीट बेल्ट नहीं लगाने के बावजूद कार में अलार्म नहीं बजता है. 

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि सरकार वाहन निर्माताओं के लिए पिछली सीटों के लिए भी सीट बेल्ट अलार्म सिस्टम लगाना अनिवार्य करने की योजना बना रही है. 

बता दें कि गडकरी ने यह बयान टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत के बाद दिया, जहां महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक डिवाइडर से उनकी कार टकरा गई थी.

सड़क दुर्घटना में हुई साइरस मिस्त्री की मौत

ऐसा माना जा रहा है कि मिस्त्री जो अपने दोस्त जहांगीर पंडोले (Jahangir Pandole) के साथ पीछे बैठे थे, ने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी और तेज रफ्तार कार के डिवाइडर से टकराने के कारण उन्हें काफी जोर का झटका लगा. हादसे में पंडोले की भी मौत हो गई.

वर्तमान में, सभी वाहन निर्माताओं के लिए आगे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट रिमाइंडर (Seat Belt Alarm) देना अनिवार्य है.

पीछे की सीट पर बैठे लोगों को लगाना होता है सीट बेल्ट

हालांकि पीछे की सीट पर भी सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले पैसेंजर्स पर केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना लगता है, लेकिन ज्यादातर लोग या तो इससे अनजान होते हैं या फिर इसे अनदेखा कर देते हैं. यहां तक ​​कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी सीट बेल्ट नहीं लगाने पर पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों से शायद ही कभी जुर्माना वसूलते हैं.

गडकरी ने बताई ये बड़ी बात

इस हफ्ते की शुरुआत में, गडकरी ने कहा, "मैंने पिछले एक साल में चार अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ यात्रा की है. उनके सभी ड्राइवरों ने कारों में क्लिप लगाए थे, जिससे उनकी कारों में सीट बेल्ट अलार्म (Seat Belt Alarm) खराब हो गया था."

सीट बेल्ट नहीं लगाने से गई इतनी जान

हाल ही में सड़क मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के दौरान सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण मारे गए और घायल हुए लोगों की संख्या क्रमशः 15,146 और 39,102 थी.