Cryptocurrency fraud: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पिछले कुछ सालों में बड़ी तेजी से बढ़ा है, लेकिन क्रिप्टो का झांसा देकर ठगी के मामले भी लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स के साथ साढ़े 13 लाख का फ्रॉड हुआ है. झुंझुनूं के पिलानी थाने में केहरपुरा निवासी एक युवक ने जयपुर निवासी दो जनों के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी में पैसा निवेश करने पर 13 लाख 50 हजार रूपए की ठगी का मामला दर्ज कराया है. 

क्या है पूरा मामला?

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केहरपुरा निवासी राकेश पुत्र करण सिंह ने थाने में रिपोर्ट दी है कि जयपुर के हाथी का बाग निवासी घनश्याम खीचड़ और अंबाबाड़ी जयपुर निवासी पवन सैनी से उसकी कई सालों से जान-पहचान थी. कुछ महीनों पहले दोनों ने उसे बताया कि उनकी एक कंपनी टोसू एक्सचेंज के नाम से कंपनी है. जो क्रिप्टोकरेंसी का व्यवसाय करती है. उन्होंने कम रकम इनवेस्ट करके अधिक मुनाफे का झांसा दिया. पीड़ित राकेश ने 25 अक्टूबर को घनश्याम खीचड़ को पांच लाख रूपए की राशि नगद दे दी. वहीं 28 अक्टूबर को उसने अपने पिता के खाते से साढ़े आठ लाख रूपए घनश्याम खीचड़ के भाई रामसुख के खाते में ऑनलाइन जमा करवा दिए थे. 

जान से मारने की मिली धमकी

इसके बाद प्रतिदिन पांच प्रतिशत राशि हर दिन खाते में जमा होनी थी. लेकिन कई दिनों तक दोनों टालमटोल करते रहे. जब काफी दिन बीत जाने के बाद राकेश ने दोनों आरोपियों से अपने निवेश किए गए पैसे वापिस लौटाने को कहा तो दोनों ने ना केवल राशि देने से इंकार कर दिया. बल्कि जान से मारने की धमकी दी. अब राकेश ने दोनों के खिलाफ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. साथ ही रिपोर्ट में बताया है कि आरोपियों ने इस कंपनी और अन्य कंपनियों के जरिए कई लोगों के साथ ठगी की है. पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

घर की महिलाओं के गहनों पर लिया था लोन

राकेश कुमार ने बताया कि उसने अपनी पत्नी और भाई की पत्नी समेत घर के अन्य सदस्यों के गहने बैंक में गिरवी रखकर गोल्ड लोन लिया था. 28 अक्टूबर 2022 को उसने साढ़े आठ लाख रूपए गोल्ड लोन लिया और उसी दिन सीधा घनश्याम खीचड़ के भाई के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया था, लेकिन अब आरोपी उसे पैसे वापिस नहीं लौटा रहे हैं.

रिश्तेदारों के पैसे भी करवा डाले इन्वेस्ट

राकेश कुमार ने बताया कि आरोपियों के झांसे में आने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों के पैसे भी इसी कंपनी में इंवेस्ट करवा दिए. करीब 40 लाख रूपए उसने अपने करीबी रिश्तेदारों के भी आरोपियों की कंपनी में जमा करवाए है. अब आरोपी ना तो उसके और ना ही उसके रिश्तेदारों के पैसे लौटा रहा है. जिससे वह तनाव में भी है.

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