राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (Rashtriya Kamdhenu Aayog) ने इस साल दिवाली पर "कामधेनु दीपावली अभियान" मनाने का अभियान शुरू किया है. इस अभियान के जरिए दिवाली महोत्सव के दौरान गाय के गोबर से बने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा. इस साल दिवाली उत्सव के लिए गोबर से बने दिये, मोमबत्तियों, धूप, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, समरणी, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों को बनाने का काम पहले ही शुरू किया जा चुका है.

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राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने सोमवार को गाय के गोबर से बना एक चिप (Cow Dung Chip) लॉन्च की है. आयोग की ओर से जानकारी दी गई कि इस चिप से मोबाइल हैंडसेट्स का रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है. आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'हमने देखा है कि मोबाइल के साथ इस चिप को रखते हैं तो रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि कामधेनु आयोग ने गाय के गोबर से बने कई दूसरे प्रॉडक्ट भी लॉन्च किए, जिनका लक्ष्य इस दीवाली पर प्रदूषण कम करने का है.

वल्लभ भाई कथीरिया ने कॉन्फ्रेंस में गोबर के दिए, शुभ-लाभ और गोबर के चिप भी दिखाए. उन्होंने कहा कि 'गाय के गोबर से सबकी रक्षा होगी. ये सबकुछ घर में आएगा तो घर रेडिएशन फ्री होगा.'

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का लक्ष्य इस साल दीपावली दौरान 11 करोड़ परिवारों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीयों जलाना है. 3 लाख दीयों को केवल अयोध्या में ही प्रज्वलित किया जाएगा.1 लाख दीये वाराणसी में जलाए जाएंगे.

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बड़ी संख्या में लोगों को मिलेगा काम

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के प्रयासों से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा. हजारों गाय पालने वाले किसानों, महिला उद्यमियों और उद्योगों को इन प्रयासों से काफी काम मिलने और कारोबार के अवसर पैदा होने की संभावना है. गौशालाओं को आत्मनिर्भर ’बनाने में भी ये मदद करेगा. आयोग के इस प्रयास से त्योहारों में चीनी प्रोडक्ट्स पर लोगों की निर्भरता भी घटेगी.