Covishield को बूस्टर डोज के लिए मंजूरी मिले या नहीं, 13 दिसंबर को हो सकता है फैसला
Covishield Booster dose: देश में अभी तक सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ने ही बूस्टर डोज (तीसरी खुराक) के लिए आवदेन दिया है.
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच देश में बूस्टर डोज की तैयारियों पर चर्चा तेज हो गई. हाल ही में भारतीय वैक्सीन मैन्युफैक्चरर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने बूस्टर ने भारत में बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) के लिए ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी मांगी थी. बूस्टर डोज को मंजूरी देने को लेकर शुक्रवार को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (Subject Expert Committee) की बैठक हुई. इसमें सीरम इंस्टीट्यूट के आवेदन पर चर्चा की गई. सोमवार को कमिटी की दोबारा बैठक होगी, जिसमें कोविशील्ड (Covishield) के बूस्टर डोज की मंजूरी पर फैसला हो सकता है.
लगभग 4 घण्टे चली बैठक
देश में बूस्टर डोज लगाने के मसले पर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) पहली बैठक करीब 4 घंटे तक चली. इसमें Serum Institute के आवेदन पर चर्चा हुई. सीरम ने कोविशील्ड (Covishield) के बूस्टर डोज को मंजूरी का आवेदन दिया था. कंपनी ने कहा कि UK समेत कई जगहों पर तीसरी डोज लगाई गई. तीसरी डोज के बाद एंटीबॉडी बढ़े हैं. SEC ने आम सहमति के लिए कुछ और डिटेल्स मांगी हैं. सोमवार को कमिटी की दोबारा बैठक होगी. देश में अभी तक सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ने ही बूस्टर डोज (तीसरी खुराक) के लिए आवदेन दिया है.
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Biological E, Sputnik Lite का ट्रायल डाटा सौंपा
SEC की बैठक में बॉयोटे कंपनी Biological E ने अपने टीके के थर्ड फेज के ट्रायल का डाटा दिया. Dr Reddy's ने भी Sputnik Lite का ट्रायल डाटा सौंपा. इस बैठक में इस बात पर फैसला किया जाएगा कि आवदेन करने वाली कंपनी की वैक्सीन तीसरी डोज के लिए कितनी उपयुक्त है, उसके ट्रायल का क्या नतीजा रहा और उसे मंजूरी दी जानी चाहिए या नहीं.
बूस्टर डोज लगे या नहीं इसका फैसला स्वास्थ मंत्रालय की दूसरी समिति करेगी. उस समिति को NTAGI ने अनुशंसा भेजी है. समिति बूस्टर डोज को लेकर WHO की गाइडलाइंस का इंतजार कर रही है. तब तक देश में दूसरे डोज का टार्गेट पूरा करने पर जोर है.
सरकार ने कहा- तीसरी डोज का नतीजा बेहतर
अगर बात करें सरकार की तो सरकार ने संसद की स्थायी समिति के सामने माना कि दूसरे डोज के 9 महीने के बाद एंटी बॉडी कम हो जाते हैं. ऐसे में बूस्टर डोज दिया जाए तो बेहतर नतीजे देखे गए हैं. ऐसे में Frontline Workers, Health Warriors को टीका लगाया जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक अनुशंसा के लिए समिति का सुझाव आने दिया जाए