Covid 19: कोरोना के मामले भले ही कम हो गए हों, लेकिन तीसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है. हाल ही में नीति आयोग ने सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है. इस रिपोर्ट के बाद यूपी में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. अब विभाग ने कोरोना के इलाज में जरूरी 9 दवाओं के स्टॉक को खंगालना शुरू कर दिया है. न सिर्फ सरकारी सप्लाई से जुड़े स्टॉक के बारे में जानकारियां जुटाई जा रहीं हैं, बल्कि प्राइवेट स्टॉकिस्टों और दवा विक्रेताओं से भी खरीद-बिक्री का डिटेल मांगा जा रहा है. इन्हें कोरोना के इलाज से जुड़े 9 दवाओं की खरीद-बिक्री का डिटेल रोज ड्रग  इंस्पेक्टर को देना होगा.

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ड्रग कमिश्नर ने लिखी चिट्ठी

उत्तर प्रदेश के ड्रग कमिश्नर एके जैन ने सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर्स को चिट्ठी लिखी है. दवा विक्रेताओं को भी यह भेजा गया है. ड्रग इंस्पेक्टर्स और दवा विक्रेता इससे जुड़ी जानकारियों को शेयर करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि संभावित दवाओं के स्टॉक संबंधी जानकारियों की लिस्ट अवेलबिलिटी के आधार पर तैयार की जा रही है.

बच्चों में "मल्टी इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम" की आशंका

उन्होंने साफ किया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है. इसमें बच्चे भी प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में बच्चों में मल्टी इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम की आशंका है. कोरोना के इलाज में कुछ दवाओं को जीवन रक्षक दवाओं (Life saving drugs) की श्रेणी में रखा गया है. इनके रोजाना डिटेल की जरूरत है.

ये दवाएं हैं जरूरी

ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने कोरोना संक्रमण के इलाज में 9 दवाएं शामिल की हैं. जिनमें रेमडेसीविर, आईवरमेक्टिंन, टॉसिलिजूमैब, मिथाइल-प्रेडनीसोलोन, डेक्सामेथासोन, हेपरिन इंजेक्शन, इंफोटेरेसिन-बी, इम्यूनोग्लोबिन और पोसाकोनाजोल शामिल हैं. इन दवाओं के रोजाना खरीद और बिक्री का ब्यौरा दवा व्यापारियों को मुहैया कराने का भी निर्देश दिया गया है. इसे विभाग द्वारा भेजे गए फॉर्मेट में अवेलबल कराना है. यह जानकारी भी देनी है कि दवाओं का स्टॉक कितना है, कितनी खरीदी गई हैं और कितनी बिक्री हो चुकी हैं. रोजाना का डिटेल ड्रग इंस्पेक्टर के जरिए प्रदेश मुख्यालय को भेजा जाएगा.

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