Oxygen Plants in India: भारत को दुनिया भर के मित्र देशों से मदद के तौर पर तमाम मेडिकल डिवाइस (Medical Devices) की आपूर्ति हो रही है. कोविड की दूसरी लहर ने देश में तबाह मचा दी है.  यूरोपीय देशों, यूरोपीय संघ (ईयू) के समर्थन के साथ, भारत को लॉन्ग टर्म और परमानेंट मेडिकल टेक्निक प्रदान करने में विशेष रूप से सहायक हैं.

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गुरुवार को, इटेलियन दूतावास ने दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में आईटीबीपी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plants) शुरू किया. 48 घंटों में स्थापित किया गया ये प्लांट एक साथ 100 से ज्यादा कोविड रोगियों को ऑक्सीजन प्रदान कर सकता है. इटेलियन राजदूत विन्सेन्जो डी लुका ने ऑक्सीजन प्लांट पर स्विच किया, जिसे 20 वेंटिलेटर के साथ एक विशेष वायु सेना की उड़ान के माध्यम से मंगाया गया था.

इटली ने यूरोपीय संघ से समर्थन के साथ प्लांट प्रदान किया. डी लुका ने कहा, इटली कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है. यह एक वैश्विक चुनौती है जिससे हमें एक साथ निपटना होगा.  इटली के प्रदान की गई मेडिकल टीम और डिवाइस इन भयानक क्षणों में जीवन बचाने में योगदान देंगे.

जर्मनी दिल्ली छावनी के सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल के लिए ऑक्सीजन पैदा करने वाला प्लांट भेज रहा है. भारत में जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने दिल्ली में मीडियाकर्मियों से कहा कि उनका देश बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन पैदा करने वाला संयंत्र भेज रहा है, जो 12 रक्षाकर्मियों द्वारा अपने रक्षा बलों द्वारा संचालित किया जाएगा. ये पैरामेडिक्स इस संयंत्र के प्रबंधन के उपयोग में भारतीय रक्षा कर्मियों को भी प्रशिक्षित करेंगे.

दो वायु सेना के परिवहन विमानों में ए 400 एम लाया जा रहा है. ये प्लांट प्रति दिन 4,00,000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा. विमानों में से एक गुरुवार शाम को दिल्ली में उतरा जबकि दूसरा कुछ दिन के अंतराल में आएगा. सहायता भेजने के लिए अन्य यूरोपीय देशों में फिनलैंड, ऑस्ट्रिया और बेल्जियम शामिल हैं. कई यूरोपीय देश यूरोपीय संघ के नागरिक सुरक्षा तंत्र के माध्यम से सहायता प्रदान कर रहे हैं, जो यूरोपीय आयोग के आपातकालीन प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र द्वारा समन्वित है. 

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