कोरोना के बढ़ते संक्रमण (Covid-19 Outbreak) को देखते हुए कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने कुछ नए फैसले किए हैं तो कुछ पुराने नियमों में बदलाव किया है. सरकार ने महाराष्ट्र से आने वाले लोगों के लिए 14 दिन का होम क्‍वारंटीन (Home  Quarantine Guidelines) जरूरी कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने कोरोना वॉरियर्स को प्रोत्साहन देने के लिए भी कई ऐलान किए हैं.

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नए क्‍वारंटीन नियम

कर्नाटक सरकार ने इंटरनेशनल मुसाफिरों के लिए नए क्‍वारंटीन नियमों ( Quarantine Guidelines) की घोषणा की है. महाराष्‍ट्र सहित अन्‍य राज्‍यों से कर्नाटक आने वाले लोगों को 14 दिन के लिए होम क्‍वारंटीन में रखा जाएगा. महाराष्‍ट्र से आने वाले लोगों के लिए 7 दिन के इंस्टीट्यूशन क्‍वारंटीन (Institutional Quarantine) के पहले के नियम हटा दिए गए हैं. 

प्रमुख सचिव राजस्व विभाग (आपदा प्रबंधन) और सदस्य सचिव, राज्य कार्यकारी समिति एन. मंजूनाथ प्रसाद ने एक आदेश जारी कर कहा कि महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से कर्नाटक आने वाले लोगों को 14 दिन तक घर पर एकांतवास में रहना होगा.

राज्य सरकार का कहना है कि महाराष्ट्र से लौटे लोगों के कारण कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. 

एमबीबीएस स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा मार्क

पहली पंक्ति के कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) को प्रोत्‍साहित करने के लिए कर्नाटक सरकार ने कोविड राहत कार्यों में लगे मेडिकल छात्रों को 5 मार्क्स अलग से देने का फैसला किया है. 

एमबीबीएस और नर्सिंग के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स कोविड केयर सेंटरों में काम पर लगाया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने फर्स्ट लाइन के स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों का उत्‍साह बढ़ाने के लिए जोखिम भत्‍ता दिए जाने का भी फैसला किया है.

ग्रुप डी के कर्मचारियों का वेतन बढ़ेगा

कर्नाटक के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री डॉक्‍टर के. सुधाकरन ने बताया कि सरकार ग्रुप-डी के कर्मचारियों का वेतन दोगुना करने पर भी विचार कर रही है. 

सरकार ने सभी जिलों के ग्रामीण और शहरी इलाकों में बूथ स्‍तर पर कार्य बल समिति का गठन करने का फैसला किया है. इससे कंटेनमेंट इलाकों पर पूरी तरह से नजर रखी जा सकेगी.

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100 से ज्यादा मेडिकल स्टोर के लाइसेंस सस्पेंड

सरकार ने 100 से अधिक मेडिकल स्टोर के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं. इन मेडिकल स्टोर में बुखार और सर्दी की दवा ले जा रहे लोगों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया था.

दरअसल, राज्य सरकार ने आदेश दिया था कि हर मेडिकल स्टोर पर ऐसे लोगों का रिकॉर्ड रखना होगा जो बुखार और ठंड लगने की दवाई ले जा रहे हैं. ताकि अगर उन्हें कोरोना वायरस के लक्षण हो तो जांच की जा सके.