Online Fraud के हो जाएं शिकार तो घबराएं नहीं, तुरंत यहां करें शिकायत, जानें प्रॉसेस
आजकल ई-कॉमर्स साइट्स पर फेस्टिव सेल के कारण तमाम लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने में बिजी हैं. ऐसे में आपको सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए मुसीबत बढ़ा सकती है.
इंटरनेट के जरिए हमें कई तरह की सुविधाएं मिली हैं, तो जोखिम भी काफी बढ़े हैं. आजकल शॉपिंग से लेकर बैंकिंग तक सब कुछ इंटरनेट के जरिए कुछ मिनटों में हो जाता है. लेकिन इसके कारण ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी काफी तेजी से बढ़े हैं. सरकार लोगों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए एसएमएस, रेडियो और कई अन्य तरीके से अभियान चलाती रहती है.
आजकल ई-कॉमर्स साइट्स पर फेस्टिव सेल के कारण तमाम लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने में बिजी हैं. ऐसे में आपको सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए मुसीबत बढ़ा सकती है.अगर शॉपिंग करते समय आप किसी धोखाधड़ी के शिकार हो जाएं, तो घबराएं नहीं. साइबर क्राइम से जुड़ी किसी भी शिकायत को आप साइबर दोस्त का नंबर डायल कर सकते हैं.
साइबर दोस्त का नया नंबर करें डायल
कुछ दिनों पहले साइबर दोस्त (Cyber Dost) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए इस नंबर की जानकारी दी गई है. बता दें साइबर दोस्त नाम का एक ट्विटर हैंडल गृह मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है, जिसके जरिए सरकार ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए कदम उठाती है. साइबर दोस्त के ट्विटर हैंडल पर कुछ दिनों पहले साइबर फ्रॉड संबन्धी सहायता प्राप्त करने के लिए 1930 नंबर जारी किया गया है. पहले साइबर फ्रॉड होने के बाद लोग 155260 नंबर पर शिकायत करते थे, लेकिन अब ये नंबर बदल गया है. आप चाहें तो cybercrime.gov.in पर भी शिकायत कर सकते हैं.
सुविधा के लिए बदला गया नंबर
इस नंबर को लोगों की सुविधा के लिए बदला गया है. छोटा होने के कारण ये आसानी से याद हो सकता है. ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार होने की स्थिति में आप इस नंबर पर कॉल करें और जिस वेबसाइट से शॉपिंग कर रहे थे, उसकी पूरी जानकारी दें. अगर आप ऑनलाइन बैंकिंग के दौरान ठगी का शिकार हुए हैं तो भी आप अपनी शिकायत इस नंबर पर दर्ज करवा सकते हैं. शिकायत दर्ज करने के बाद एक टिकट जेनरेट होगी और इसी के साथ जांच शुरू हो जाएगी.
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए ये सावधानियां बरतें
- केवल विश्वसनीय वेबसाइट और एप का ही इस्तेमाल करें.
- अपनी निजी जानकारी को गोपनीय रखें.
- हमेशा मजबूत पासवर्ड बनाएं.
- एक से अधिक खातों के लिए अलग-अलग पासवर्ड बनाएं.
- अननॉन सोर्स से लिंक को क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने से बचें.
- किसी तरह का साइबर क्राइम फिर भी हो जाए तो फौरन 1930 नंबर डायल करें.