सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) द्वारा बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति अप्रैल में मामूली एक प्रतिशत बढ़कर 4.07 करोड़ टन पर पहुंच गई. एक साल पहले इसी महीने में यह 4.03 करोड़ टन थी. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. हालांकि, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि. (एससीसीएल) की कोयला आपूर्ति पिछले महीने दो प्रतिशत घटकर 47 लाख टन रह गई, जो अप्रैल, 2018 में 48 लाख टन थी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सिंगरेनी कोलियरीज में तेलंगाना सरकार की 51 प्रतिशत और भारत सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कोल इंडिया लि. ने 2018-19 में बिजली क्षेत्र को 48.8 करोड़ टन की आपूर्ति की थी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 के 45.42 करोड़ टन की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है.

(रॉयटर्स)

इससे पहले केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि कोई भी बिजली घर कोयले की कमी से नहीं जूझ रहा है और न ही ईंधन आपूर्ति की कमी से उत्पादन में नुकसान की कोई रिपोर्ट है. मंत्री ने यह भी दावा किया था कि किसी भी थर्मल पावर प्लांट ने आपूर्ति में कमी के कारण उत्पादन में किसी भी नुकसान की सूचना नहीं दी है.