CM Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व सभी शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने राज्य में भू माफिया के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही. मुख्यमंत्री ने राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन के लिए अफसरों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने लखनऊ में मेट्रो रेल के अगला चरण शुरू करने के लिए एक सप्ताह में कार्ययोजना तैयार करने को कहा है. 50 वर्षों की जरूरत के हिसाब से तैयार करें मास्टर प्लान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तेजी बढ़ती शहरी आबादी को देखते हुए आगामी 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार करने को कहा है. इसके लिए सभी विकास प्राधिकरणों में नगर नियोजक के रिक्त पदों को तत्काल भरने के भी निर्देश दिए हैं. 'ईज ऑफ लिविंग' का अनुभव हो रहा सीएम ने कहा कि आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कि कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को 'ईज ऑफ लिविंग' का अनुभव हो रहा है. कौन कौन से जिले होंगे शामिल यूपी राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है. सभी आयामों पर शोध और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए. जल्द ही कार्ययोजना प्रस्तुत करने का प्रस्ताव आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा  है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं. ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' का गठन किया जाना चाहिए. इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है. सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए जल्द ही कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा गया है. भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति योगी ने कहा कि प्राधिकरणों और नगरीय निकायों में भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा. भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ तुरंत कार्रवाई होगी. उत्तर प्रदेश में किसी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.