चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) बड़ी खुशखबरी दे सकती है. दरअसल NASA का 1 ऑर्बिटर उस जगह से गुजरने वाला है जहां चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर की क्रैश लैंडिंग हुई थी.

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आपको बता दें कि चंद्रमा पर दोबारा सूरज की रोशनी 5 अक्‍टूबर से पड़नी शुरू हो चुकी है और यह करीब 15 दिन रहेगी. क्‍योंकि चंद्रमा का 1 दिन धरती के 14 दिन के बराबर है. इस दौरान विक्रम लैंडर के बारे में अच्‍छी खबर मिल सकती है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भी नासा के साथ विक्रम की पड़ताल कर रहा है. नासा के मुताबिक उसका लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (LRO) उसी स्थान के ऊपर से गुजरेगा, जिस स्थान पर भारतीय लैंडर विक्रम के गिरने की संभावना जताई गई है.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) बहुत जल्द भारतीय मून लैंडर विक्रम की स्थिति की जानकारी दे सकेगी.

17 सितंबर को गुजरा था LRO

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि उसका एलआरओ 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट से गुजरा था और उस क्षेत्र की हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरें पाई थीं.

फोटो खींचने के लिए पर्याप्‍त रोशनी

नासा ने कहा है कि लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) की टीम को हालांकि लैंडर की स्थिति या तस्वीर नहीं मिल सकी थी. नासा ने कहा है कि जब लैंडिंग क्षेत्र से हमारा ऑर्बिटर गुजरा तो वहां धुंधलका था और इसलिए छाया में अधिकांश भाग छिप गया.

संभव है कि विक्रम लैंडर परछाई में छिपा हुआ है. एलआरओ जब वहां से गुजरेगा, तब वहां प्रकाश अनुकूल होगा और एक बार फिर लैंडर की स्थिति या तस्वीर लेने की कोशिश की जाएगी.