भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा है कि भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 की सोमवार को होने वाली लॉन्चिंग की उल्टी गिनती रविवार शाम को 6.43 बजे शुरू हो गई. इससे पहले 15 जुलाई को इसका प्रक्षेपण सुबह-सुबह 2:51 बजे श्रीहरिकोटा से किया जाना था, लेकिन लॉन्चिंग से करीब एक घंटा पहले इसमें तकनीकी खराबी का पता लगने के बाद लॉन्चिंग रोक दी गई थी. इसरो ने लॉन्च से जुड़ा रिहर्सल पूरा कर लिया है और बताया कि सब कुछ सामान्य है.

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चंद्रयान-2 को 44 मीटर लंबे और 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी-एमके 3) से लॉन्‍च किया जाना था. धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 लाख किलोमीटर है. 15 जुलाई को इसे अपनी उड़ान के लगभग 16 मिनट बाद 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क 3 रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पार्किंग में 170 गुणा 40400 किलोमीटर की कक्षा में रखना था. चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे. लैंडर-विक्रम 6 सितंबर को चांद पर पहुंचना था.

हॉलीवुड फिल्म की लागत से कम है लागत

विदेशी मीडिया ने भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को हॉलीवुड फिल्म 'एवेंजर्स एंडगेम' से कम खर्चीला बताया है. विदेशी मीडिया और वैज्ञानिक जर्नलों में चंद्रयान-2 की लागत को हॉलीवुड फिल्म एवेंजर्स एंडगेम के बजट के आधे से भी कम बताया है. भारत इस मिशन की सफलता के साथ अपने अंतरिक्ष अभियान में अमेरिका, रूस और चीन के समूह में आ जाएगा.

चंद्रयान 2 में है ये खास

पहला अंतरिक्ष मिशन जो चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर सफलतापूर्वक लैंडिंग का संचालन करेगा.

पहला भारतीय अभियान, जो स्वदेशी तकनीक से चंद्रमा की सतह पर उतरा जाएगा.

पहला भारतीय अभियान जो देश में विकसित प्रौद्योगिकी के साथ चांद की सतह के बारे में जानकारियां जुटाएगा.

चंद्रमा की सतह पर रॉकेट उतारने वाला चौथा देश बनेगा भारत

7,134 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था

भारत के बड़े मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को लाइव देखने के लिए 15 जुलाई को 7,134 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था. शक्तिशाली रॉकेट 'बाहुबली' पर सवार होकर चंद्रयान-2 अपने मिशन पर निकलेगा. इसे कई लोग लाइव देंख सकेंगे.