लुधियाना से चंड़ीगढ़ पहुंचने में आने वाले समय में कम टाइम लगेगा. क्‍योंकि NHAI लुधियाना से चंडीगढ़ के बीच एक्‍सप्रेस वे जैसी रोड बनाएगा. इस पर कुल 4 हजार करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है. बता दें कि सरकार दिल्‍ली से कटरा (Delhi Katra Expressay) के बीच एक एक्‍सप्रेस वे प्‍लान कर रही है, जिसकी लंबाई 658 किमी होगा. इससे माता वैष्‍णोदेवी (Vaishnodevi) की यात्रा और आसान हो जाएगी.

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Pti की खबर के मुताबिक चंडीगढ़ और लुधियाना का यह हिस्‍सा दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे का हिस्सा होगा. इसके पूरा होने पर चंडीगढ़ और लुधियाना की यात्रा में लगने वाला समय डेढ़ घंटे से कम होकर 1 घंटे से भी नीचे आ जाएगा. 

इसके अलावा परियोजना के पूरा होने से दिल्ली हवाईअड्डे और चंडीगढ़ हवाईअड्डे के बीच यात्रा का समय भी कम हो जाएगा. दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे की शहरी विस्तार सड़क-2 से यह संभव हो सकेगा. 

NHAI 670 किलोमीटर लंबे दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर काम कर रहा है. यह भारतमाला परियोजना का हिस्सा है और इससे लुधियाना, चंडीगढ़, गुरदासपुर और जम्मू जैसे शहर आपस में जुड़ जायेंगे. 

चंडीगढ़ से लुधियाना और जालंधर से अमृतसर के बीच एक्प्रेस वे बनाने के लिये लुधियाना-रोपड़ मार्ग को खराड़ (चंडीगढ़) तक विस्तार देने की मंजूरी दी गई है. इससे चंडीगढ़ और अमृतसर के बीच की यात्रा में लगने वाला समय चार घंटे से कम होकर करीब दो घंटे रह जायेगा.

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अमृतसर जाने वाला एक रास्‍ता 50 किमी के लिए मौजूदा राजमार्ग का इस्‍तेमाल करेगा जो कि दोनों तरफ सर्विस रोड के साथ एक एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे के रूप में बनेगा, यहां तक कि राजा सांसी हवाईअड्डे के लिए एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए एक नए 30 किमी हिस्‍से को बनाया जाएगा.

दूसरा रास्‍ता 65 किलोमीटर लंबा एक नया ब्‍लॉक होगा, जो एक्सप्रेस-वे को करतारपुर से गुरदासपुर तक ले जाएगा और वहां से कटरा के लिए अगले 180 किलोमीटर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 44 में शामिल होगा.

एक्सप्रेस-वे भवानीगढ़ और नकोदर से होकर करतारपुर तक जाएगा और फिर दो में हिस्‍सों में बंट जाएगा- एक हिस्‍सा अमृतसर से और दूसरा गुरदासपुर से होकर गुजरेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 658 किमी होगी और इस पर 30,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. उन्होंने कहा कि इस कारोबारी साल में प्रोजेक्‍ट का पहला फेस पूरा होने का लक्ष्‍य है.