रिपोर्ट : प्रकाश प्रियदर्शी

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केंद्रीय कैबिनेट की आज होने वाली बैठक काफी महत्‍वपूर्ण है. इसमें मर्चेंट एक्सपोर्टर को राहत मिलने की उम्‍मीद है. यानि कैबिनेट मर्चेंट एक्सपोर्टर को भी ब्‍याज सब्सिडी का फायदा देने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे सकता है. इंट्रेस्‍ट इक्‍वेलाइजेशन स्‍कीम के तहत 3 प्रतिशत ब्‍याज सब्सिडी का फायदा मिलने की उम्‍मीद की जा रही है. फिलवक्‍त छोटे निर्यातकों को ब्‍याज सब्सिडी का लाभ मिलता है. इसके अलावा कैबिनेट नेशनल हेल्थ एजेंसी के पुनर्गठन पर भी फैसला ले सकता है. इसे नेशनल हेल्थ अथॉरिटी का दर्जा दिया जाएगा. इससे अथॉरिटी के पास ज्यादा अधिकार हो जाएंगे. 

इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की आरईसी (REC) में अपनी पूरी 52.63 प्रतिशत हिस्सेदारी को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) को बेचने की मंजूरी दी थी. सरकार को इस विनिवेश से करीब 15,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बताया था कि सीसीईए ने प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ आरईसी लि. में कुल चुकता पूंजी में सरकार की 52.63 प्रतिशत हिस्सेदारी पावर फाइनेंस कारपोरेशन (पीएफसी) को बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. सितंबर की स्थिति के अनुसार सरकार की ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) में 57.99 प्रतिशत जबकि पीएफसी में 65.64 प्रतिशत हिस्सेदारी है.