CBSE News: बच्चों की प्रतिभा, गुणों, उनके व्यक्तित्व के मजबूत और कमजोर पक्षों का उल्लेख करते हुए सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में कक्षा 1-3 में बच्चों का समग्र रिपोर्ट कार्ड (Composite report card) तैयार किया जाएगा. इस पायलट परियोजना के पूरा होने पर इसे सीबीएसई से एफिलिएटेड 27, 000 स्कूलों में क्लास  1-3 में लागू किया जाएगा, जिससे करीब 60 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे. भाषा की खबर के मुताबिक, सरकार ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ की सिफारिशों के तहत स्कूली बच्चों की समग्र प्रगति रिपोर्ट कार्ड योजना (overall progress report card Scheme) को जल्द ही पूर्ण रूप से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में, कक्षा 1 से 3 में लागू किया जाएगा.

फिलहाल 74 स्कूलों में कक्षा 1-3 में इस योजना को लागू किया जा रहा

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खबर के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अभी पायलट परियोजना के आधार पर सीबीएसई से संबद्ध 74 स्कूलों में कक्षा 1-3 (children up to class 1-3) में इस योजना को लागू किया जा रहा है. इनमें 25 केंद्रीय विद्यालय, 16 सरकारी स्कूल, 33 निजी स्कूल शामिल हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन के दो वर्ष’ विषय पर शिक्षा मंत्रालय की हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि समग्र प्रगति रिपोर्ट कार्ड योजना (हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड) तैयार करने की इस पायलट परियोजना पर दैनिक आधार पर नजर रखी जा रही है.

प्रिंसिपल और टीचर्स की राय और आकलन के फॉर्मेट हो रहा तैयार

रिपोर्ट में कहा गया है कि बुनियादी और समरूप आंकड़ा इकट्ठा करने के लिए प्रिंसिपल और टीचर्स की राय और आकलन के फॉर्मेट को आखिरी रूप दिया गया है. इससे रिपोर्ट तैयार करने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद इसे जरूरत के मुताबिक, अंगीकार करने के लिये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि सीबीएसई (CBSE)द्वारा विकसित समग्र प्रगति रिपोर्ट कार्ड (हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड) के फॉर्मेट को 9-12वीं क्लास के लिये ढांचागत तैयारी में इस्तेमाल में लाया जाएगा.

प्रोग्रेस कार्ड तैयार किया जा रहा

गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के आधार पर बच्चों के रिपोर्ट कार्ड के स्वरूप में बदलाव करते हुए समग्र मूल्यांकन पर आधारित समग्र प्रोग्रेस कार्ड (Composite report card) तैयार किया जा रहा है. इसके तहत हर क्लास में जीवन कौशल परखने पर जोर होगा ताकि बच्चा जब 12वीं कक्षा पास करके निकलेगा तब उसके पास अपना पूरा पोर्टफोलियो होगा. बच्चों के इस पोर्टफोलियो में उसकी प्रतिभा, गुण, मजबूत एवं कमजोर पक्ष आदि का उल्लेख होगा. इस सिस्टम में बच्चों के सेल्फ असेसमेंट का आयाम भी जुड़ा होगा जिसमें वे खुद, उनके साथी, उनके अध्यापक और उनके अभिभावक शामिल होंगे.

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