Cancer Awareness Month: हर साल जनवरी में सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है. इसका मकसद लोगों को इसके पीछे जागरूक करना है. आज एक कैंसर अवेयरनेस प्रोग्राम में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में दावा कर रही हैं कि सरकार 9-14 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों के लिए एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए तैयार है. यह रिपोर्ट पूरी तरह से गलत और काल्पनिक हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक एचपीवी टीकाकरण शुरू करने पर निर्णय नहीं लिया है. एचपीवी टीकाकरण पर अभी फैसला नहीं सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीनेशन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. 9-14 वर्ष लड़कियों के लिए एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू करने पर अभी कोई लास्ट निर्णय नहीं लिया गया है. सर्वाइकल कैंसर के लक्षण पीरियड के बीच स्पॉटिंग या भारी रक्तस्राव हो सकता है, या माहवारी असामान्य रूप से भारी हो सकती है. बड़े कैंसर से रक्तस्राव की संभावना अधिक होती है और  पेल्विक क्षेत्र में दर्द हो सकता है. सर्वाइकल में क्या क्या दिक्कत आती है?

  • गर्दन में सूजन और जकड़न की समस्या होने लगती है.
  • गर्दन की मांसपेशियों में दर्द रहता है.
  • सिर में लगातार दर्द की शिकायत रहती है.
  • हाथ और पैर में झुनझुनी की समस्या होने लगती है.
  • गर्दन घुमाने पर आवाज निकलती है.
  • लगातार उल्टी महसूस होता है.

सर्वाइकल का टेस्ट कैसे होता है? सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट में आपके गर्भाशय ग्रीवा के स्वास्थ्य की जांच की जाती है. डॉक्टर या नर्स आपके गर्भाशय ग्रीवा से एक स्वैब का इस्तेमाल करके - जो पैप स्मीयर जैसा होता है - एक छोटा सा सैंपल लेंगे और ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के लिए इसकी जांच करेंगे.