CAIT writes to PM Narendra Modi: व्यापारियों और कारोबारियों के प्रमुख संगठन CAIT (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर पॉलिसी बनाने की मांग की है. इसे लेकर उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. CAIT ने "डिजिटल इंडिया" के तहत पीएम मोदी से इसे लेकर पॉलिसी बनाने का आग्रह किया है.

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संगठन ने कहा है कि न सिर्फ कॉर्पोरेट बल्कि गैर-कॉर्पोरेट सेक्टर भी डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं. छोटे उद्योग, ट्रांसपोर्ट, महिला उद्यमी आदि भी डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ काम करने में सफल रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद पिछले 2 साल में वर्क फ्रॉम होम कल्चर तेजी से बढ़ा है. लेकिन इस मॉड्यूल को अच्छे तरीके से चलाने के लिए नियमों और नीतियों की जरूरत है. 

CAIT ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

CAIT ने चिट्ठी में लिखा है कि कोविड-19 भारत और दुनिया भर में एक नया बिजनेस मॉडल, वर्क फ्रॉम होम लेकर आया है. यह मॉडल अपने आप विकसित हुआ है और देश भर में सफल मॉडल के रूप में उभरा है. वर्क फ्रॉम होम ने मुश्किल हालात में भी काम करने के चलन को तेज कर दिया है. इसमें बुनियादी ढांचे की लागत को काफी कम करने की क्षमता है. ये भी तय है कि वर्क फ्रॉम होम कल्चर कोरोना संकट के बाद भी जारी रहेगा. क्योंकि यह अब बिजनेस और कॉमर्स का जरूरी हिस्सा बन गया है. 

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WFH को लेकर कानून बनाने की अपील

CAIT ने पीएम मोदी से वर्क फ्रॉम होम के लिए नियम और कानून बनाने की अपील की है. जिससे भविष्य में एंप्लॉयर और कर्मचारियों के बीच विवाद और टकराव को रोका जा सके. चूंकि यह सिस्टम काफी नया है और देश में वर्क फ्रॉम होम को कंट्रोल करने वाला कोई कानून नहीं है. इसलिए इसके लिए एक व्यापक और मजबूत पॉलिसी और गाइडलाइंस की जरूरत है. 

दिल्ली सरकार का दिया उदाहरण

कैट ने लिखा है कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने प्राइवेट ऑफिसों को बंद करने और वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है. कई दूसरे राज्यों ने भी कई पाबंदियां लगाकर लोगों से वर्क फ्रॉम के लिए कहा है. लेकिन गाइडलाइंस न होने की वजह से इस पॉलिसी का पालन करना बहुत मुश्किल होगा. अगर हर संस्था वर्क फ्रॉम होम के लिए नियम बनाएगी, तो इससे अराजकता और भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी. 

WFH को सरकारी, बैंकिंग, इंडस्ट्री, हेल्थ सर्विसेज, मीडिया सहित लगभग हर सेक्टर ने अपनाया है. विभिन्न सेक्टर न सिर्फ आपस में बल्कि सम्मेलन, मीटिंग, एजीएम और राजनीतिक रैलियां भी वर्चुअल तरीके से हो रही हैं. यह इस मॉडल की सफलता और लोगों द्वारा इसे अपनाने और स्वीकृति को दिखाता है.

'नियम और रेगुलेशंस तैयार करना जरूरी'

वर्क फ्रॉम होम के महत्व को देखते हुए नियमों और रेगुलेशंस को तैयार करना जरूरी है. कम समय में इस व्यवस्था से लोग खुश हैं. लेकिन सही प्रोटोकॉल के न होने पर में नियोक्ता और कर्मचारी के बीच टकराव पैदा हो सकता है. इसलिए भविष्य की परेशानियों को रोकने और बेहतर प्रोडक्टिविटी के लिए इसे रेगुलेट करना जरूरी है. जिससे आखिरकार देश की जीडीपी और इनकोनॉमी की पर्याप्त वृद्धि में मदद मिलेगी.