Cabinet Decision: केंद्र सरकार ने स्‍पेशियलिटी स्‍टील (specialty steel) के प्रोडक्‍शन को बढ़ाने के लिए एक अहम फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में 22 जुलाई को हुई कैबिनेट की मीटिंग में स्‍पेशिलिटी स्‍टील के लिए 6,322 करोड़ रुपये की प्रोडक्‍शन लिंक्‍ड इन्‍सेंटिव स्‍कीम (PLI) को मंजूरी दी गई. सरकार के इस फैसले से वैल्‍यू एडेड क्‍वालिटी स्टील के इम्‍पोर्ट पर निर्भरता कम होगी. इस स्‍कीम पांच साल 2023-24 से 2027-28 के लिए होगी. सरकार का मकसद स्‍टील प्रोडक्‍शन में आत्‍मनिर्भर बनना और मैन्‍युफैक्‍चरिंग बढ़ाने के साथ-साथ एक्‍सपोर्ट को बढ़ावा देना है. 

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सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि स्पेशियलिटी स्टील के प्रोडक्‍शन को पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) के तहत लाने का फैसला किया गया  है. भारत क्रूड स्टील (Crude Steel) के प्रोडक्‍शन के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. लेकिन, स्पेशियलिटी स्टील के उत्पादन में काफी पीछे है. इसके चलते हर साल बड़ी मात्रा में स्पेशियलिटी स्टील इम्‍पोर्ट करना पड़ता है. इस फैसले से स्‍पेशियलिटी स्‍टील के इम्‍पोर्ट पर निर्भरता कम होगी और देश में प्रोडक्‍शन को बढ़ावा मिलेगा.

5.25 लाख रोजगार के मौके बनेंगे 

सरकार के इस फैसले से डायरेक्‍ट और इनडायरेक्‍ट रूप से देश में 5.25 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसमें से डायरेक्‍ट 68,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. एक ग्रुप कंपनी को एक साल में पीएलआई स्कीम के तहत 200 करोड़ रुपये से ज्यादा इंसेंटिव नहीं मिलेगा. स्पेशियलिटी स्टील के लिए पीएलआई स्‍कीम से इस सेक्‍टर में करीब 40,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. इसके अलावा 25 मिलियन टन अतिरिक्‍त स्‍पेशियलिटी स्‍टील प्रोडक्‍शन क्षमता बढ़ेगी. 

सिर्फ 1.8 करोड़ टन स्‍पेशियलिटी स्‍टील का प्रोडक्‍शन 

देश में 2020-21 में 10.2 करोड़ टन स्‍टील का प्रोडक्‍शन हुआ. इसमें सिर्फ 1.8 करोड़ टन वैल्‍यू एडेड स्‍टील/ स्‍पेशियलिटी स्‍टील का प्रोडक्‍शन किया गया. इसके अलावा, 67 लाख टन स्‍टील का इम्‍पोर्ट किया गया. इसमें से 40 लाख टन स्‍पेशियलिटी स्‍टील का इम्‍पोर्ट हुआ. इससे लिए 30,000 करोड़ रुपये का फॉरेन एक्‍सचेंज  देश से बाहर गया. स्‍टील प्रोडक्‍शन में आत्‍मनिर्भर बनने के लिए सरकार स्‍टील वैल्‍यू चेन को प्रमोट करेगी. भारत में भी कोरिया, जापान की तरह एडवांस्‍ड स्‍टील का प्रोडक्‍शन हो सकेगा. 2026-27 तक स्‍पेशियलिटी स्‍टील प्रोडक्‍शन 4.2 करोड़ टन होने का अनुमान है.