Union Budget 2022: बजट 2022 की तैयारियां चल रही हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट आने वाला है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आगामी 1 फरवरी को बजट पेश कर सकती हैं. सरल शब्‍दों में समझें तो बजट किसी भी देश की अर्थव्‍यवस्‍था का लेखा-जोखा होता है. दरअसल, देश की अर्थव्‍यवस्‍था को चलाने की जिम्‍मेदारी वित्त मंत्री के हाथ में होती है. वित्त मंत्री बजट के जरिए पूरे साल के कमाई और खर्चे का लेखा-जोखा संसद के जरिए देश के सामने रखता है. आजादी के बाद कई ऐसे वित्‍त मंत्री हुए जिन्‍होंने Budget के जरिए कई बड़े रिफॉर्म्‍स किए. कई वित्‍त मंत्रियों के नाम कई खास रिकॉर्ड भी हैं. ऐसे ही एक मंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) थे. मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्‍यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है. 

मोरारजी ने सबसे ज्‍यादा पेश किया बजट 

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आजाद भारत में सबसे अधिक बार बजट (Budget) पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई ने नाम हैं. मोरारजी देसाई ने आठ सालाना बजट और दो इंटरिम बजट पेश किए. वित्‍त मंत्री के तौर पर अपने पहले टर्म में उन्‍होंने पांच रेग्‍युलर बजट 1959-60 से 1963-64 और एक इंटरिम बजट 1962-63 पेश किया. वित्‍त मंत्री के अपने दूसरे टर्म में उन्‍होंने 1967-68 से 1969-70 के रेग्‍युलर बजट और एक इंटरिम बजट 1967-68 पेश किया था. इन चारों इंटरिम बजट के दौरान मोरारजी देसाई वित्‍त मंत्री के साथ-साथ इंदिरा गांधी की कैबिनेट में डिप्‍टी प्राइम मिनिस्‍टर भी थे. 

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Morarji Desai के बाद जिन वित्‍त मंत्रियों ने सबसे ज्‍यादा दफा बजट पेश किया उनमें प्रणब मुखर्जी, पी. चिदंबरम, यशवंत सिन्हा, यशवंत राव चव्हाण और सीडी देशमुख हैं. इन्‍होंने सात-सात बार बजट पेश किया. केंद्रीय बजट की घोषणा पहले फरवरी के अंतिम दिन शाम 5 बजे से की जाती थी. 2001 से वित्त मंत्री आम बजट संसद में सुबह 11 बजे पेश करने लगे. मोदी कार्यकाल में बजट की तारीख 1 फरवरी तय कर दी गई. 

अपने जन्‍मदिन पर दो बार पेश किया बजट

मोरारजी देसाई (Morarji Desai) ने अपने जन्मदिन (29 फरवरी) के दिन दो बार बजट पेश किया. जन्‍मदिन के दिन उन्‍होंने पहला बजट 1964 और दूसरा बजट 1968 में पेश किया था. ये अपने जन्‍मदिन के बजट पेश करने वाले एकमात्र वित्‍त मंत्री हैं. 

बतौर वित्‍त मंत्री मोरारजी देसाई ने दो अहम प्रावधान लागू किए थे. पहला, बजट 1968 को पेश किया गया. इस बजट (Budget) में उन्‍होंने इंडस्‍ट्री के लिए सबसे अहम फैसला मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स यानी फैक्‍ट्री गेट पर एक्‍साइज डिपार्टमेंट द्वारा असेसमेंट कराने और स्टांप की अनिवार्यता कर दी. मैन्‍युफैक्‍चररर्स के लिए सेल्‍फ–असेसमेंट का सिस्टम तैयार किया गया. दूसरा एक अहम फैसला यह था कि पति और पत्‍नी दोनों के टैक्‍स पेयर होने पर उन्‍होंने छूट का एलान किया था.