Budget 2022: वित्त मंत्री (FM Nirmala Sitharaman) एक घंटे से भी कम समय में अपनी बजट भाषण संसद में देने वाली हैं. इस आम बजट से कृषि क्षेत्र खासकर किसानों को काफी उम्मीदें हैं. भारत में कृषि क्षेत्र रोजगार का सबसे बड़ा साधन है. कृषि क्षेत्र फिलहाल सप्लाई चेन की समस्याओं और उचित भंडारण सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में किसान अपनी फसल खो देते हैं. किसानों को बैंकों और साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है. फसल खराब होने से उनपर आर्थिक बोझ बहुत ज्यादा हो जाता है. ऐसे में कृषि क्षेत्र को बजट (Agriculture Budget 2022) में इन समस्याओं के समाधान मिलने की उम्मीद है. 

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खेती में रिसर्च को बढ़ावा मिलने की उम्मीद

बजट में इस सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार खेती के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देगी. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को कृषि में मदद करने वाले क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को सक्षम करने के लिए और ज्यादा फंड इनवाइट करना चाहिए. उनकी यह भी डिमांड है फसल बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की परमिशन देने के लिए एक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कमेटी का गठन किया जाना चाहिए.

फसल बीमा प्रीमियम में और सब्सिडी मिले

कृषि क्षेत्र की यह भी डिमांड है कि सरकार को फसल बीमा प्रीमियम में और सब्सिडी देनी चाहिए. उम्मीद है कि सरकार लोन तक पहुंच को आसान और फसल बीमा के दायरे को बढ़ाने के लिए नीतिगत उपायों की घोषणा करेगी. साथ ही सरकार जरूरी कृषि सेवाओं और नए जमाने की टेक्नोलॉजी प्रोडक्शन इनपुट को आगे बढ़ाने के लिए संस्थानों को स्थापित करने और सक्षम करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. इस बात को लेकर भी काफी उम्मीदें (Agriculture Budget 2022) हैं कि सरकार किसानों की आय डबल करने के प्रयास को और तेज करेगी. 

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मनरेगा पर हो सकती है बड़ी घोषणा

बजट में मनरेगा जैसी स्कीम पर बड़ी घोषणा हो सकती है. साथ ही उर्वरक सब्सिडी और मुफ्त खाद्यान्न के लिए छह महीने या उससे ज्यादा समय के लिए विस्तार जैसी योजनाओं के लिए आवंटन में भी बढ़ोतरी हो सकती है. पिछले साल बजट में सरकार ने कहा था कि उर्वरक सब्सिडी मद में अनुमानित 79530 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसी तरह, कृषि और उससे जुड़े काम के लिए 1,48,301 रुपये खर्च होने की बात कही थी.