Budget 2022 expectations: बजट में महज चंद रोज रह गए हैं. हर सेक्टर को वित्त मंत्री से काफी उम्मीदें हैं. देश की ज्वेलरी इंडस्ट्री बॉडी अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) की डिमांड है कि सरकार बजट में जीएसटी को घटाकर 1.25 प्रतिशत पर लाए. उधर, आतिथ्य क्षेत्र यानी हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का कहना है कि सरकार को हमारे इंडस्ट्री की हालत को देखत हुए लोन मोरेटोरियम  पर विचार करना चाहिए. पीटीआई की खबर के मुताबिक, जीजेसी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में सोने, कीमती धातुओं, रत्नों और ऐसे सामान से बने आभूषणों पर 1.25 प्रतिशत जीएसटी दर तय करने की मांग की है. वर्तमान में रत्न और आभूषण पर जीएसटी की दर तीन प्रतिशत है.

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पैन कार्ड की लिमिट पांच लाख रुपये हो

खबर के मुताबिक, जीजेसी ने वित्त मंत्री से पैन कार्ड की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का भी आग्रह किया है, क्योंकि ग्रामीण भारत में कई घरों में पैन कार्ड नहीं है और जरूरत के समय विशेषकर वैश्विक महामारी के समय में न्यूनतम जरूरी आभूषण की व्यवस्था करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. साथ ही कहा कि सोने की न्यूनतम मात्रा पर उपयुक्त स्पष्टीकरण जारी किया जाए, जिसे कोई व्यक्ति किसी भी विभागीय अधिकारियों द्वारा पूछताछ किए बिना स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस) के तहत जमा कर सकता है.

22 कैरेट सोने के आभूषणों पर मिले ईएमआई सुविधा

इसके अलावा उद्योग निकाय ने अनुरोध किया कि रत्न और आभूषण उद्योग (All India Gem & Jewelery Household Council) को 22 कैरेट सोने के आभूषणों की खरीद के लिए ईएमआई सुविधा की परमिशन दी जानी चाहिए, जिससे महामारी के बाद उद्योग के कारोबार में पर्याप्त ग्रोथ होगी. जीजेसी के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा कि महामारी के इन मुश्किल समय के दौरान हमारे उद्योग को बहुत नुकसान हुआ है, और इसे के वी कामत की रिपोर्ट में तनावग्रस्त क्षेत्रों में से एक के रूप में भी चिह्नित किया गया है.

पेठे ने कहा कि इसलिए, हमने इनकम टैक्स की धारा 40 ए में बदलाव का प्रस्ताव दिया है ताकि हर रोज 10,000 रुपये की मौजूदा दैनिक नकद सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 रुपये किया जा सके. उन्होंने कहा कि जीजेसी ने सरकार से क्रेडिट कार्ड के जरिये आभूषणों की खरीद (budget 2022 expactations of Jewelery industry) पर बैंक कमीशन (1-1.5 प्रतिशत) को माफ करने का भी आग्रह किया है. इससे रत्न और आभूषण उद्योग 'डिजिटल इंडिया' को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकेगा.

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की डिमांड

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर (hospitality industry) निकाय एफएचआरएआई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस क्षेत्र के कारोबारियों द्वारा लिए गए ऋण को स्थगित (लोन मोरेटोरियम) करने पर विचार करने को कहा है. इसके साथ ही निकाय ने महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र का समर्थन करने के लिए तत्काल उपायों के हिस्से के रूप में ऋणों के पुनर्गठन के लिए एक विशेष समाधान ढांचा तैयार करने का भी आग्रह किया है. वित्त मंत्री को सौंपे गए एक पत्र में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत लिए गए ऋणों के लिए कम-से-कम एक वर्ष की मोहलत मांगी है.

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एफएचआरएआई ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों से गारंटी के साथ कार्यशील पूंजी समर्थन करने का भी अनुरोध किया है. निकाय ने महामारी से प्रभावित क्षेत्र के लिए 60,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को तत्काल प्रभाव से नोटिफाई करने की भी मांग की है. एफएचआरएआई ने यह मांग वित्त वर्ष 2022-23 के लिए के 1 फरवरी को संसद में पेश किये जाने वाले बजट से पहले की है.