एक बड़े वकील के ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) की छापेमारी ने काले धन (Black Money) को लेकर सरकार की गंभीरता फिर से साबित की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे तमाम और लोगों पर कार्रवाई की तैयारी में है जो आमदनी का सही ब्योरा नहीं दे रहे हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस मामले में वकील से जुड़े सहयोगी बिल्डर्स और फाइनेंसर्स के भी खातों की भी जांच कर रहा है.

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक वकील के सहयोगी के यहां छापेमारी में 5.5 करोड़ रुपये कैश मिले. करीब 2 करोड़ रुपये मूल्य के गहने जबकि आमदनी छुपाने से जुड़े ढेरों दस्तावेज मिले. जिनके आधार पर आगे की जांच की जा रही है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कई दिनों तक संबंधित वकील से गहन पूछताछ की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की संबंधित मामले पर कई महीनों से नज़र थी और छापेमारी से पहले भरपूर सबूत जुटाए गए थे.

पिछले हफ्ते सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज़ की ओर से जारी बयान के मुताबिक वकील को 117 करोड़ रुपये क्लाइंट से नकदी में मिले थे. लेकिन खातों में केवल 21 करोड़ रु की रकम दिखाया जो चेक से लिया था. दावा है कि एक दूसरे मामले में इसी वकील ने एक इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग कंपनी से आर्बिट्रेशन केस के लिए 100 करोड़ रुपये नकद में लिए थे.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज़ के मुताबिक आमदनी में नहीं दिखाई गई रकम से रिहायशी और कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदी गई. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक जिस वकील के खिलाफ जांच की जा रही है उसने शिक्षण संस्थानों से जुड़े ट्रस्ट में बड़े पैमाने पर पैसे लगाए हैं.

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस केस में 38 ठिकानों पर हरियाणा, दिल्ली सहित NCR के कई जगहों पर छापेमारी की थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वकील से जुड़े 10 लॉकर्स से भी निकासी पर रोक लगाई है. हालांकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ ने वकील का नाम सार्वजनिक नहीं किया. लेकिन जानकारी मिली है वकील कमर्शियल और आर्बिट्रेशन से जुड़े मामलों को देखता है.