BIS Hallmark Jewellery: देश में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने कई महीने पहले आभूषणों पर हॉलमार्किंग के नियम लागू कर दिए हैं, लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर बिना हॉलमार्किंग के गहने बेचे जाने के मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली में BIS ने बड़ी कार्रवाई है, जहां कुछ बड़े ज्वेलर्स बिना हॉलमार्क वाले गहने बेच रहे थे. BIS टीमों ने दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में स्थित मेहरा संस ज्वैलर्स (वाईपीएम) और मनुवेल मालाबार ज्वैलर्स पर छापा मारा है. 

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साउथ एक्सटेंशन स्थित मैसर्स मेहरा संस ज्वैलर्स (वाईपीएम) और मैसर्स मेनुवेल मालाबार ज्वैलर्स पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया गया है. छापेमारी के दौरान, इन ज्वैलर्स को सोने के आभूषण और सोने की शिल्पकृति हॉलमार्किंग आदेश, 2020 का उल्लंघन करते हुए गैर हॉलमार्क 916 परिशुद्धता सोने के सिक्के बेचते हुए पाया गया. 

भारत सरकार द्वारा लाए गए उक्त आदेश के अनुसार, छड़, प्लेट, शीट, फ़ॉइल, रॉड, तार, पट्टी, ट्यूब या सिक्के के किसी भी आकार में सोने की बुलियन (995 और 999 परिशुद्धता) को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी गई है. इन ज्वैलर्स के पास से गैर हॉलमार्क के 916 परिशुद्धता वाले सोने के सिक्के जब्त किए गए हैं. बीआईएस इस तरह के उल्लंघनों को रोकने के लिए ऐसी छापेमारी जारी रखेगा.

कैसे चेक करें गहनों पर Hallmarking?

आप घर बिना हॉलमार्किंग वाला गहना लेकर आएं, इससे अच्छा है कि आप खरे सोने की पहचान करना सीख लें. हॉलमार्क वाले गहने को पहचानने का तरीका ये है-

- सबसे पहले आपको सोने के गहनों की खरीदी के दौरान BIS स्टैंडर्ड मार्क यानी चिन्ह को देखना होगा.

- हॉलमार्किंग पहचानने के लिए उसकी प्योरिटी देंखे. हॉलमार्किं में गोल्ड की प्युरिटी को तीन भागों में बांटा गया है. 22K916, 18K750 और 14K585. 22 कैरेट के सोने के लिए 22K916, 18 कैरेट सोने के लिए 18K750 और 14 कैरेट सोने की पहचान के लिए 14K585 ये पहचान दी गई है. 

- आगे आपको देखना होगा इसमें अंकित 6 डिजिट नंबर. ये अंकों का कोड नंबर हर ज्लेवरी आइटम के लिए यूनीक यानी बिलकुल अलग अलग रहेगा. ये 6 डिजिट अल्फान्यूमेरिक यानी शब्द और अंकों के साथ दिया जाएगा.

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