बड़े शहरों की आसमान छूती इमारतों और सोने की तरह जगमगाती सड़कों की भीड़ में एक तबका वो भी है जो छोटे शहरों से आया है, जिसका मकसद है किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करना और अपने सपने को पूरा करना. लेकिन नए शहर में कदम रखते ही सबसे बड़ी चिंता होती है एक किराए के मकान की, जो जेब पर भारी न पड़े और मकान मालिक की चिकचिक से भी दूर हो. तो ऐसे ही किराएदारों की सरकार ने सुन ली है, इसलिए जल्द ही टेनेंसी ऐक्ट लेकर आने वाली है. फिलहाल इसका ड्राफ्ट तैयार है. इसमें कई ऐसे प्रावधान हैं, जिससे देश में किराएदार की आजादी और मकान मालिकों की असुरक्षा को लेकर ढेरों प्रावधान हैं. 

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टेनेंसी ऐक्ट के ड्राफ्ट में क्या कहा गया है

इस ऐक्ट में कहा गया है कि किराएदारों को 2 महीने के किराए से ज्यादा की सिक्योरिटी डिपॉजिट नहीं देनी होगी. मकान मालिक को किराया बढ़ाने के लिए 3 महीने पहले नोटिस देना होगा. मकान मालिक को मुआयने के लिए आने से पहले 24 घंटे पहले लिखित नोटिस देना होगा. रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे काम से आने से पहले भी लिखित नोटिस देना जरूरी होगा. साथ ही मकान छोड़ने के 1 महीने के अंदर मकान मालिक को सिक्योरिटी मनी वापस करनी होगी. विवाद होने पर मकान मालिक बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं काट पाएंगे.

मकान मालिकों को भी मिलेगा राहत

ऐसा नहीं है कि ड्राफ्ट में सिर्फ किराएदारों के हितों का जिक्र है. सरकार ने मकान मालिकों के हितों का भा ध्यान रखा है. मकान मालिकों के लिए ड्राफ्ट में कहा गया है कि किराएदार को समय पर मकान खाली करना जरूरी होगा. समय पर ऐसा न करने पर मकान मालिक ज्यादा किराया लेने का हकदार होगा. मकान मालिक अगले 2 महीने तक 2 गुना किराया लेने का हकदार होगा. 2 महीने के बाद उसे 4 गुना किराया वसूलने का अधिकार होगा. किराए के मकान का रख-रखाव किराएदार को कराना होगा. ऐसा नहीं कराने पर मकान मालिक रख-रखाव का काम करेगा. रख-रखाव के इस खर्च को मकान मालिक सिक्योरिटी मनी में काट सकेगा. किराएदार प्रॉपर्टी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंची हो तो मकान मालिक को बताना जरूरी होगा. किराएदार उसे किसी दूसरे के हाथ भी नहीं सौंप सकता है.

कुछ साझा जिम्मेदारियां भी होंगी

ड्राफ्ट में कहा गया है कि बिल्डिंग के ढांचे की देखभाल किराएदार और मकान मालिक दोनों को ही करनी होगी. रेनोवेशन के बाद मकान मालिक घर का किराया बढ़ा सकता है लेकिन किराया बढ़ाने से पहले किराएदार की सलाह लेना जरूरी होगा.

दरअसल देश के कई शहरों में करीब 1.1 करोड़ मकान खाली पड़े हैं, क्योंकि उनके मालिकों को लगता है कि अगर उन्होंने अपना घर किराए पर दिया तो किराएदार उसे हड़प सकता है या फिर उसे नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में सरकार चाहती है मकान मालिकों का ये डर निकले और किराएदारों को बिना मनमाना किराया दिए आसानी से घर मिले.