वैसे तो प्रॉपर्टी के रेट इस समय डाउन चल रहे हैं. रियल एस्टेट एक्सपर्ट इस समय को प्रॉपर्टी खरीदने का सबसे सुनहरा मौका बताते हैं. इतना ही नहीं मकान और फ्लैट्स की कीमतों में भी खासी गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली से सटे गुरुग्राम और नोएडा में पिछले पांच साल में घरों की कीमतें क्रमश: सात और चार प्रतिशत घट गई हैं. इसकी प्रमुख वजह आवासीय परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी, मांग का नरम रहना और कई बड़े बिल्डरों का दिवालिया हो जाना है. 

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रियल्टी पोर्टल प्रॉपटाइगर के अनुसार गुरुग्राम में आवासीय इकाइयों की कीमत मार्च 2015 के मुकाबले मौजूदा समय में सात प्रतिशत घटकर 5,236 रुपये प्रति वर्गफुट पर आ गई है. वहीं उत्तर प्रदेश के नोएडा में इसमें चार प्रतिशत की गिरावट देखी गई है और यह 3,922 रुपये प्रति वर्गफुट पर आ गई है.

हैदराबाद में महंगी हुई प्रॉपर्टी

वहीं हैदराबाद में आवासों की औसत कीमत में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. यह 5,318 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुंच गयी है. इसी तरह मुंबई में यह 15 प्रतिशत बढ़कर 9,446 रुपये प्रति वर्गफुट और बेंगलुरू में 11 प्रतिशत बढ़कर 5,194 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहंच गयी है. अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता और पुणे में भी आवास कीमतों में दो से चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.

प्रॉपटाइगर डॉट कॉम, हाउसिंग डॉट कॉम और मकान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (समूह) ध्रुव अग्रवाल के मुताबिक, भारतीय रियल एस्टेट बाजार में मांग में नरम बनी हुई है और इसी वजह से कीमतों की वृद्धि सीमित दायरे में है. यही वजह है कि अधिकतर बाजारों में कीमतों में वृद्धि बहुत नगण्य है.

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उन्होंने कहा कि हैदराबाद इसमें मुख्य अपवाद इसलिए है क्योंकि 2015 में वहां आवासीय इकाइयों की शुरुआती दरें बहुत नीचे थीं.

दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम और नोएडा में आवास कीमतें घटने की प्रमुख वजह रियल एस्टेट परियोजनों की डिलिवरी में देरी होना है.