मॉनसून (Monsoon) की बारिश केरल (Kerala) में शुरू हो चुकी है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार 1.5.2020 को दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के केरल पहुंचने का ऐलान कर दिया है. समय से मॉनसून के पहुंचने पर मौसम वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान है. मॉनसून सीजन यानी जून-सितंबर के दौरान 100 फीसदी बारिश होने की उम्मीद जताई है. हर साल अप्रैल और जून में मौसम विभाग पूरे देश में मॉनसून की स्थिति का अनुमान जारी करता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिछले दो दिनों से हो रही है बारिश 

पिछले दो दिनों से केरल के अलग - अलग हिस्सों में बारिश लगातार जारी है. पिछले 48 घंटों में मौसम विभाग के 14 केंद्रों में से 70 फीसदी ने बारिश दर्ज की है. इसके बाद ही मौसम विभाग ने मानसून के पहुंचने का ऐलान किया है.

 

बेहतर बारिश से अर्थव्यवस्था को होगा फायदा 

अच्छे मानसून से क्या होगा- भारतीय अर्थव्यवस्था में मॉनसून का अहम रोल है. शेयर बाजार से लेकर उद्योग जगत पर मॉनसून के पूर्वानुमान का बड़ा असर पड़ता है. सीजन में अच्छी बारिश होती है तो शेयर बाजार और उद्योग जगत में उत्साह का माहौल होता है. वहीं, बारिश कम रहने की संभावना पर अर्थव्यवस्था के सुस्ती की तरफ बढ़ने की संभावना बढ़ती है. देश के होने वाली कुल बारिश का 70 फीसदी ​हिस्सा मॉनसून का होता है. वहीं, सोयाबीन, कपास, दलहन, चावल जैसी फसलों की बुआई मॉनसून पर निर्भर होती है.

 

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें

 

इतनी होगी बारिश 

समूचे देश के लिए वर्ष 2020 की दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम (जून – सितम्बर) की बारिश सामान्य (दीर्घावधि औसत के 96 से 104 प्रतिशत) होने की संभावना है.

समूचे देश के लिए मॉनसून के मौसम की बारिश औसतन 102  फीसदी होने की संभावना है. इसमें ± 4 फीसदी का अंतर आ सकता है.  

क्षेत्रवार, मॉनसून के मौसम की बारिश उत्तर पश्चिम भारत में दीर्घावधि औसत के 107 फीसदी,मध्य भारत में 103 फीसदी,दक्षिणी प्रायद्वीप में 102 प्रतिशत तथा पूर्वोत्तर भारत में 96 प्रतिशत होने की संभावना है. इसमें ± 8 फीसदी का अंतर आ सकता है. 

समूचे देश के लिए जुलाई महीने में मानसून की बारिश 103 प्रतिशत और अगस्त माह में 97 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है. इसमें ± 9 फीसदी का अंतर आ सकता है.