झारखंड सरकार ने फिर शराब की बिक्री निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले का मकसद राजस्व में वृद्धि करना है और इसके लिए प्रदेश में शराब की दुकानें बढ़ाकर 1,664 तक करने का फैसला लिया गया है. सरकार द्वारा 2017 में शराब की खुदरा बिक्री का अधिग्रहण करने के बाद राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण यह फैसला लिया गया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आवेदन मंगाने का काम शुरू

आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "निजी पक्षों को लॉटरी के जरिए दुकान आवंटन के लिए आवेदन मंगाने का काम शनिवार से शुरू हो गया है. आवेदन 4 मार्च तक मंगाए जाएंगे और 5 मार्च से लॉटरी शुरू होगी." अधिकारी ने बताया कि सरकार ने शराब की 1,664 दुकानें खोलने की योजना बनाई है जिसमें से 718 भारत में बनने वाली विदेशी शराब की दुकानें होंगी और 565 देसी शराब की. बाकी मिश्रित दुकानें होंगी. 

 

रघुवर दास, मुख्यमंत्री, झारखंड (फाइल फोटो - पीटीआई)

1,200 करोड़ रुपये का है लक्ष्य

झारखंड सरकार को 2016-17 में शराब की बिक्री से 957 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था जो वित्त वर्ष 2017-18 में घटकर 846 करोड़ रुपये रह गया. चालू वित्त वर्ष में जनवरी 2019 तक सरकार को 713 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है जबकि लक्ष्य 31 मार्च तक 1,200 करोड़ रुपये प्राप्त करने का है. 

(इनपुट एजेंसी से)