उत्तर प्रदेश में फर्जी टीचर (Uttar Pradesh fake teacher) का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. हालांकि पुलिस ने फर्जी नाम से नौकरी कर रहे कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) में सभी स्कूलों के शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक टीम बनाने का निर्देश दिया है.

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गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी बेसिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षण संस्थानों, समाज कल्याण विभाग के विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक 'डेडिकेटेड टीम' बनाने का निर्देश दिया है.

अगर कहीं पर भी कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करता हुआ पाया जाए तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश ऐसे समय दिए हैं जब राज्य में अनामिका शुक्ला प्रकरण चर्चा में है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर अलग-अलग महिलाओं द्वारा नौकरी करके वेतन लेने के मामले सामने आए हैं. पुलिस का विशेष कार्यबलल इसकी जांच कर रहा है.

 

स्किल मैपिंग में तेजी

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कामगारों और श्रमिकों को सामाजिक तथा आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के राज्य में स्किल मैपिंग का कार्य बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. राज्य में श्रमिकों और कामगारों के लिए राशन कार्ड भी बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. 

रिकवरी रेट में सुधार

प्रदेश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर में भी लगातार सुधार हो रहा है. प्रदेश प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यूपी में रिकवरी का रेट 60 फीसदी से ऊपर चल रहा है. इस समय रिकवरी रेट 60.72 फीसदी है.

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उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 499 नए मामले सामने आए. राज्य में 4948 एक्टिव केस हैं और 8268 लोग पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि शनिवार को प्रदेश में 15762 सैंपलों की टेस्टिंग की गई. 30 जून तक इसे 20 हजार प्रतिदिन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक प्रदेश में 4 लाख 56 हजार 213 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं.