Covid 19: सूप्रीम कोर्ट ने किया नेशनल टास्क फोर्स का गठन, राज्यों में ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन पर होगी निगरानी
SC Task Force to Look into Oxygen Distribution: देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन (Medical Oxygen) की उपलब्धता और डिस्ट्रीब्यूशन का आकलन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12-सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल (National Task Force) का गठन किया गया है.
SC Task Force to Look into Oxygen Distribution: देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन (Medical Oxygen) की उपलब्धता और डिस्ट्रीब्यूशन का आकलन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12-सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल (National Task Force) का गठन किया गया है. टास्क फोर्स COVID-19 के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपायों का भी सुझाव देगा.
हमारी सहयोगी टीम Zee News के मुताबिक, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है, आज दिल्ली में कोविड अस्पतालों को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. 5 तारीख को दिल्ली को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिला. 6 तारीख को 577 मीट्रिक टन मिला और कल 487 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिला. 487 मीट्रिक टन के साथ अस्पतालों को चलाना मुश्किल है. सिसोदिया ने कहा, इसमें कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. केंद्र सरकार दिल्ली को मिलने वाली 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में कोई कटौती न करे.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि हर दिन दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करनी होगी. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा कि केंद्र सरकार को यह सप्लाई तब तक जारी रखनी होगी, जब तक कि आदेश की समीक्षा नहीं की जाती है या कोई बदलाव नहीं होता.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी पर दिल्ली सरकार की दलील पर गौर किया और आगाह किया कि अगर रोज 700 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की आपूर्ति नहीं की गई तो वह संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आदेश पारित करेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.
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