प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला योजना की कामयाबी पर विपक्षी दल सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन अब ताजा आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि ये योजना अपने उद्देश्य में काफी हद तक कामयाब रही है. पेट्रोलियम मंत्री घर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में बताया कि अभी तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थी करीब 24 करोड़ एलपीजी सिलेंडर रिफिल करा चुके हैं और उज्ज्वला योजना के कम से कम एक साल पुराने लाभार्थियों में करीब 80% ने दोबारा सिलेंडर भरवाया है. इसके साथ ही सरकार का कहना है कि ये योजना गरीब वर्ग के लोगों को खाना पकाने का बेहतर साधन उपलब्ध कराने में सफल रही है.

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उन्होंने बताया, 'ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने बताया है कि उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों ने दिसंबर 2018 तक 24 करोड़ एलपीजी सिलेंडर लिए हैं. ओएमसी ने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के करीब 80% लाभार्थियों, जिन्होंने 31 दिसंबर 2018 तक एक साल पूरे कर लिए थे, ने दोबारा सिलेंडर रिफिल करवाया है.' प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों को पहल योजना के तहत सब्सिडी मिलती है और इसका मकसद गरीब वर्ग को खाना पकाने का बेहतर साधन उपलब्ध कराना है.

धर्मेंद्र प्रधान ने बताया, 'उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थी लगातार एलपीजी का इस्तेमाल करें, इसके लिए उनकी आदतों में बदलाव की जरूरत है. उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थी द्वारा एलपीजी को अपनाए जाना कई बातों पर निर्भर है, जिसमें खाने की आदत, खाना पकाने की आदत, एलपीजी की उपलब्धता, एलपीजी की कीमत आदि शामिल हैं.' उन्होंने कहा कि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इन लाभार्थियों को लकड़ी, कंडा आदि आसानी से मुफ्त उपलब्ध हैं.