इश्‍तिहार (Advertisement) किस तरह हमें प्रभावित करते हैं, उसका ताज़ा उदाहरण है अजमेर का प्रक्षाल. चॉकलेट कंपनी के एक विज्ञापन का असर इस बच्चे पर कुछ ऐसा हुआ कि उसने पिता अमित गांधी की बात अनसुनी कर दी और पिता के दोबारा काम के लिए कहने पर तपाक से जवाब देते हुए कहा - "काम नहीं करके भी मदद की जा सकती है". बच्चे के इस जवाब ने पिता को चौंका दिया क्योंकि, यह सब उसने TV पर दिखाए जा रहे चॉकलेट के एक विज्ञापन को देख कर सीखा था. 

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पेशे से वकील अमित ने बच्चे को समझाया और फिर उपभोक्ता विवाद आयोग अजमेर में याचिका दायर की. याचिका में उन्होंने विज्ञापन को भारतीय संस्कृति व नैतिकता के खिलाफ बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की. उपभोक्ता आयोग ने कंपनी को नोटिस जारी करके 4 मई तक जवाब तलब किया है. 

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