अगले तीन महीने में करीब 28 प्रतिशत शहरी भारतीय सोने पर खर्च करने की योजना बना रहे हैं. इससे कोविड-19 की दूसरी लहर का असर कम होने की स्थिति में नए सिरे से सोने की डिमांड (Gold Demand) बढ़ने का संकेत मिलता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. वर्ष 2020 में कोविड के प्रतिबंधों के चलते रत्न और आभूषण उद्योग ने इस साल जनवरी-मार्च में फिर से ठीक होने का संकेत दिया था. हालांकि, महामारी की दूसरी लहर ने इसे रोक दिया.

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डिमांड बेहतर रहने की उम्मीद

खबर के मुताबिक, दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद राज्य सरकारें धीरे-धीरे आवाजाही पर प्रतिबंधों में ढील दे रही हैं और संगठित खुदरा विक्रेता उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ताओं की मांग बेहतर रहने की उम्मीद है. मार्केट रिसर्च फर्म यू गोव्स के दिवाली खर्च इंडेक्स (Diwali Spending Index) के मुताबिक, शहरी भारतीयों में त्योहारी मौसम के दौरान खर्च करने की चाहत बढ़ रही है और दस में से तीन शहरी भारतीयों (28 फीसदी) अगले तीन महीनों में सोने पर खर्च करने की योजना बना रहे हैं.

17-20 अगस्त के बीच हुआ सर्वेक्षण

दिवाली खर्च सूचकांक के लिए आंकड़ों को यू-गोव बोमनीबस द्वारा 17-20 अगस्त के बीच देश के 2,021 उत्तरदाताओं से ऑनलाइन जमा किया गया जो भारत में वयस्क ऑनलाइन आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. सर्वेक्षण के मुताबिक, पांच में से तीन जवाब देने वालों (58 प्रतिशत) ने व्यक्तिगत या पारिवारिक इस्तेमाल के लिए संगठित खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाई गई स्वर्ण योजना के जरिये या भौतिक स्वरूप में सोना खरीदने की योजना के बारे में बताया.

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गोल्ड फंड के जरिये से या भौतिक सोने पर खर्च

इसमें कहा गया है कि बाकी 38 प्रतिशत ने, निवेश के मकसद से या तो गोल्ड फंड के जरिये से या भौतिक सोने के रूप में सोने पर खर्च करने की संभावना है. इसके अलावा, सर्वेक्षण से पता चलता है कि इन संभावित सोने के खरीदारों में से 69 प्रतिशत का मानना ​​​​था कि दिवाली और त्योहारी मौसम, सोना खरीदने का सबसे अच्छा समय है, जो त्योहारी सत्र के दौरान खर्च करने के उनके झुकाव को उजागर करता है.