WPI May 2021: पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) की आसमान छूती महंगाई (Inflation rate in India) का असर अब रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी जरूरी चीजों पर पड़ा है. कच्चे तेल और तैयार वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का भी असर हो रहा है. इन वजहों से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति (WPI) की दर मई में 12.94 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, निचले लेवल के असर के चलते भी मई 2021 में डब्ल्यूपीआई मु्द्रास्फीति तेजी से बढ़ी. मई 2020 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति माइनस 3.37 प्रतिशत (-3.37%) थी.

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लगातार पांचवें महीने बढ़ी महंगाई

खबर के मुताबिक, यह लगातार पांचवां महीना है, जब थोकमूल्य सूककांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है. अप्रैल 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में 10.49 प्रतिशत हो गई थी. वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मंथली डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई.

ईंधनों ने बढ़ाई महंगाई

बयान के मुताबिक, मई 2021 में मुद्रास्फीति की हाई रेट मुख्य रूप से पेट्रोल, डीजल, नेफ्था, फर्नेस ऑयल आदि पेट्रोलियम उत्पादों और तैयार सामान की कीमतों में पिछले वर्ष के समान महीने के मुकाबले बढ़ोतरी के कारण हैं. समीक्षाधीन अवधि में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति बढ़कर 37.61 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल में 20.94 प्रतिशत थी. तैयार सामान की महंगाई मई में 10.83 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने 9.01 प्रतिशत थी.

खाद्य पदार्थों की महंगाई मई में मामूली घटी

खाद्य पदार्थों की महंगाई (इनफ्लेशन) मई में मामूली रूप से कम होकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई. हालांकि, इस दौरान प्याज महंगा हुआ. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा और कहा कि वह बढ़ोतरी को बढ़ावा देने के लिए एक उदार नीति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

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