पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत वेनेजुएला से तेल खरीदेगा क्योंकि लैटिन अमेरिकी देश के खिलाफ निर्यात प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. पुरी ने कहा कि भारत किसी भी ऐसे देश से तेल खरीदने को इच्छुक है जिस पर प्रतिबंध नहीं है और अगर वेनेजुएला का तेल बाजार में आता है तो हम इसका स्वागत करते हैं. मंत्री ने कहा, इंडियन ऑयल की पारादीप इकाई समेत कई रिफाइनरियां वेनेजुएला के भारी तेल का उपयोग करने में सक्षम हैं, और हम इसे खरीदेंगे.

विदेशी बाजार पर निर्भर है भारत 

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मंत्री ने वेनेजुएला की तेल एवं गैस परियोजनाओं में अपनी हिस्सेदारी पर रिटर्न के रूप में 2014 से ओएनजीसी (ONGC) के लंबित 50 करोड़ डॉलर के लाभांश का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ भारतीय धन वेनेजुएला में फंस गया है. बाजार से रूसी तेल को बाहर करने की वाशिंगटन की रणनीति के तहत अक्टूबर में अमेरिका की ओर से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद इंडियन ऑयल और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों ने पहले ही वेनेजुएला से तेल खरीदना शुरू कर दिया है.

भारत की रिफाइनमेंट लिमिट में बढ़ोतरी 

यूक्रेन युद्ध (Russia-ukrain war) छिड़ने के बाद भारतीय तेल कंपनियां रूस से बड़े पैमाने पर तेल की खरीदारी कर रही हैं क्योंकि यह रियायती मूल्य पर उपलब्ध है. वास्तव में, भारत अपने कुल तेल आयात का एक-तिहाई से अधिक हिस्सा रूस खरीदता है. भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का 80 फीसदी से अधिक आयात करता है और वर्तमान में यह दुनिया का तीसरा सबसे पेट्रोलियम उपभोक्ता है. विविध स्रोतों से तेल खरीदने से तेल कंपनियों को इसे कम कीमत पर प्राप्त करने में मदद मिलती है. पुरी ने कहा कि भारतीय कंपनियां वर्तमान में प्रति दिन 50 लाख बैरल तेल को रिफाइन करती हैं और देश की शोधन (Refinement) क्षमता बढ़ रही है.