Food Inflation: खाने पीने की चीजों की बढ़ती महंगाई का असर थाली पर काफी समय से पड़ रहा था, लेकिन पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में अक्टूबर में घर पर बनी शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमत में क्रमशः 5 और 7% की गिरावट आई है. CRISIL की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि थाली की कीमत में गिरावट, जो खाद्य महंगाई (Food Inflation) में गिरावट को दर्शाती है, महीने के दौरान आलू और टमाटर (Potato and Tomato) की कीमतों में साल-दर-साल क्रमशः 21% और 38% की महत्वपूर्ण गिरावट के कारण है.

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नॉन-वेज थाली (Non Veg Thali) की कीमत में तेजी से गिरावट आई, क्योंकि ब्रॉयलर (Chicken) की कीमत, जो थाली की लागत में 50% हिस्सेदारी रखती है, पिछले वर्ष के उच्च आधार की तुलना में अनुमानित 5-7%  कम हो गई. ईंधन की लागत, जो वेज थाली (Veg Thali) और नॉन-वेज थाली की कुल लागत का क्रमशः लगभग 14 और 8%  है, में 14% की गिरावट आई है, क्योंकि 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत पिछले वर्ष की तुलना में 1,053 रुपये से गिरकर 903 रुपये हो गई.

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प्याज की महंगाई से थाली हुई महंगी

लेकिन महीने की दूसरी छमाही में प्याज की कीमतों (Onion Price) में बढ़ोतरी के कारण थाली की कीमतों में और गिरावट सीमित हो गई, जो पहली छमाही में औसतन 34 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो दूसरी छमाही में 25% अधिक हो गई. वेज थाली की कुल लागत में 9 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली दालों की कीमत में पिछले साल की तुलना में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

प्याज ने फिर निकाले आंसू

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर प्याज की ऊंची कीमतें जारी रहीं, जो कि वेज थाली की कुल लागत का लगभग 10% है, तो नवंबर में थाली की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है. नवंबर के पहले हफ्ते में प्याज की कीमतें पिछले महीने की तुलना में 75 फीसदी ज्यादा हैं.

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