16th Finance Commission: सरकार ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 16वें वित्त आयोग के लिए संदर्भ की शर्तों को मंजूरी दे दी है. इसमें केंद्र और राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू के बंटवारे पर निर्णय से संबंधित सिफारिशें हैं. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कल शाम कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सिफारिशें 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि को कवर करेंगी. ठाकुर ने कहा, वित्त आयोग 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.

FY26 तक लागू है 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें

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15वें वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर, 2017 को किया गया था. इसने अपनी अंतरिम और अंतिम रिपोर्ट के माध्यम से 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाली छह साल की अवधि के दौरान सिफारिशें कीं. 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2025-26 तक लागू हैं.

संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित वित्त आयोग की मुख्य जिम्मेदारी केंद्र तथा राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना है. इसके अलावा उनके बीच करों के बंटवारे की सिफारिश करना और राज्यों के बीच इन करों के वितरण का निर्धारण करने वाले सिद्धांतों (Terms of Reference- ToR) तय करना है.

क्या हैं वित्त आयोग की सिफारिशें

एक अन्य ToR भारत के समेकित कोष से राज्यों के राजस्व की सहायता अनुदान और राज्यों को उनके राजस्व की अनुदान सहायता के माध्यम से भुगतान की जाने वाली राशि को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों के बारे में है. ToR के अनुसार, यह पंचायतों और नगर पालिकाओं के संसाधनों के पूरक के लिए राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय भी सुझाएगा.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि वित्त आयोग का गठन हर पांचवें साल या उससे पहले किया जाता है. हालांकि, 15वें वित्त आयोग (15th Finance Commission) की सिफारिशें 31 मार्च 2026 तक की छह साल की अवधि को कवर करती हैं, इसलिए नए आयोग का गठन अब प्रस्तावित है. 16th Finance Commission के एडवांस सेल का गठन 21 नवंबर, 2022 को फाइनेंस मिनिस्ट्री में किया गया था, ताकि आयोग के औपचारिक गठन तक प्रारंभिक कार्य की निगरानी की जा सके.