Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sithraman) ने टैक्स रिबेट (Tax Rebate) देकर आम लोगों चाहे वो बड़ा हो या छोटा, के हाथ में थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा देने की कोशिश की है. सरकार की तरफ से बुधवार को बजट भाषण में नए रिजीम में 7 लाख रुपये तक इनकम पर कोई भी टैक्स नहीं लगाने का ऐलान किया है. इस पर क्या कंजम्प्शन (consumption in indian economy) को सपोर्ट मिलेगा? इस पर मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) का कहना है कि इससे थोड़ा सपोर्ट मिलेगा. हालांकि उनका यह भी कहना है कि सबको मार्जिनल ही मिला है. अग्रवाल कहते हैं कि जो वास्तव में कंजम्पशन (consumption) सेगमेंट है यानी मिडिल क्लास (middle class), उनको करीब 30-40 हजार रुपये का ही बेनिफिट मिला है.

इकोनॉमी में उत्साह कर रहा सपोर्ट

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महंगाई को लेकर अग्रवाल कहते हैं कि वह अभी रहेगी, क्योंकि अभी राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) 5.9 प्रतिशत है. अभी भी 17-18 लाख करोड़ रुपये का डेफिसिट है. हालांकि इकोनॉमी में उत्साह बना हुआ है. उन्होंने कहा कि कोविड से पहले राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत था, वहां से फिर कोविड के टाइम में ही 6.4-6.5 प्रतिशत हुआ. अभी तो इकोऩॉमी अपने पूरे रफ्तार में आ गई. चूकि राजकोषीय घाटा अभी 3.5 प्रतिशत पर नहीं आया है तो वह जो 2 या 2.5 प्रतिशत ज्यादा है यह तो एडिशनल राजकोषीय इकोनॉमी में मौजूद उत्साह से चल रहा है.

महंगाई का दबाब बना रहेगा

अग्रवाल कहते हैं कि चूकि दुनियाभर में आर्थिक सुस्ती है, तो ऐसे में महंगाई का दबाब तो भारतीय इकोनॉमी में बना रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से टैक्स रिबेट (Tax Rebate) एक बू्स्टर स्टेप जरूर है,लेकिन महंगाई के चलते कंजम्पशन (consumption in indian economy) में बहुत बड़ा बदलाव होता नहीं दिखेगा.

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