Sugar Export Policy: 1 अक्टूबर से अगला शुगर सीजन (Sugar Season) शुरू होने जा रहा है. इसके लिए सरकार नई शुगर एक्सपोर्ट पॉलिसी की घोषणा करेगी. सरकार इस महीने के अंत तक या सितंबर के पहले हफ्ते में नई शुगर एक्सपोर्ट पॉलिसी का ऐलान कर सकती है. इस पॉलिसी के बाद ही चीनी कंपनियां एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट कर सकेंगी. मौजूदा शुगर वर्ष 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. बता दें कि सरकार ने चीनी की स्थानीय उपलब्धता बढ़ाने और ऊंची कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 1 जून से 100 लाख टन से अधिक चीनी का निर्यात करने पर रोक लगा दी थी. सरकार ने 1 अगस्त से 8.2 लाख टन अतिरिक्त चीनी का निर्यात आदेश जारी किया है. बाकी 2.2 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए आदेश इस सप्ताह के अंत तक जारी किया जाएगा.

दो तरह के फार्मूला पर विचार

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नई एक्सपोर्ट पॉलिसी में 2 तरह के फार्मूला पर विचार किया गया है. पहला- किस्तों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों और स्टॉक के आधार पर एक्सपोर्ट की मंजूरी दी जाए.  दूसरा- एकमुश्त क्वांटिटी तय कर दी जाए, जिसमें शुगर मिल्स 80 लाख टन कोटा की मांग कर रही हैं.

356 लाख टन चीनी का उत्पादन

सितंबर को खत्म होने वाले 2021-22 के सत्र में अबतक चीनी का उत्पादन 356 लाख टन के स्तर को पार कर गया है. इस साल कुल चीनी उत्पादन लगभग 360 लाख टन होने की उम्मीद है, जो 2020-21 सत्र के 322 लाख टन के उत्पादन से अधिक है. एक्सपोर्ट प्रतिबंधों में ढील के बाद भी 60 लाख टन चीनी का बचा हुआ स्टॉक रह जाएगा. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने की पेराई अक्टूबर में शुरू होने वाली है और देश में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता होगी.

अगले शुगर सीजन के लिए एक्सपोर्ट पॉलिसी जल्द

  • 1 अक्टूबर से शुरू होगा अगला शुगर सीजन 
  • दो तरह के फार्मूला पर विचार 
  • किस्तों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों और स्टॉक के आधार पर एक्सपोर्ट की मंजूरी 
  • दूसरा एकमुश्त quantity तय कर दी जाए, जिसमें शुगर मिल्स कर रही हैं 80 लाख टन कोटा की मांग 
  • मौजूदा शुगर वर्ष 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है
  • ब्राजील जैसे चीनी उत्पादक कॉन्ट्रैक्ट्स करने लगे हैं. ऐसे में भारत जल्द पॉलिसी जारी करेगा.