Edible Oil News: आम लोगों की जेब के लिए एक राहत की खबर है. खुदरा खाद्य तेल (Edible Oil) की कीमतों में 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिरावट आने की उम्मीद है. इम्पोर्ट ड्यूटी (Import Duty on Edible Oil) में कटौती के बाद सीधे ग्राहकों को इस छूट का लाभ मिल सकता है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठ प्रमुख उत्पादक राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं की सीधे इस कटौती का लाभ मिले.

सरकार ने किया था इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती

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सरकार ने बुधवार को कच्चे पाम (Palm), सूरजमुखी और सोयाबीन तेलों की किस्मों पर बुनियादी सीमा शुल्क (basic customs duty) को समाप्त कर दिया था और साथ ही खाना पकाने के तेलों की खुदरा कीमतों (retail prices) को कम करने के लिए रिफाइंड एडिबल ऑयल पर शुल्क में कटौती की थी.

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खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार के इस कदम (एडिबल ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती) से भारत में खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों में कमी आ सकती है. इससे उपभोक्ताओं को 15 से 20 रुपये प्रति किलो खाद्य तेलों का फायदा होगा."

ग्राहकों को मिले सीधा लाभ

मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह लाभ सीधे कन्ज्यूमर्स को दिया जाए, सभी प्रमुख खाद्य तेल उत्पादक राज्यों को "उचित और तत्काल कार्रवाई" करने के लिए लिखा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाद्य तेलों की कीमतों को आयात शुल्क में कटौती के अनुरूप स्तर पर लाया जाए. 

इन प्रमुख तेल उत्पादक राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश शामिल हैं.

मिनिस्ट्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि केंद्र सरकार द्वारा की गई शुल्क में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दिया जाए. जिससे कि आगामी त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य तेलों की बढ़ी हुई कीमतों से उन्हें राहत मिल सके.

कितना लगता था पहले इम्पोर्ट ड्यूटी

केंद्र सरकार द्वारा कटौती के बाद कच्चे पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी 8.25 फीसदी और कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर 5.5 फीसदी है. पहले इन तीनों कच्चे माल पर 24.27 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी लगता था. 14 अक्टूबर से प्रभावी यह छूट 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी.