बढ़ती महंगाई को लेकर रिजर्व बैंक (RBI) की स्पेशल MPC मीटिंग होने वाली है. गुरुवार को होने वाली इस मीटिंग में महंगाई अहम मुद्दा होगा. क्योंकि लगातार यह RBI के दायरे से बाहर रह रही है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को FIBAC के इवेंट में बताया कि स्पेशल MPC मीटिंग में एक स्पष्टीकरण तैयार किया जाएगा कि किन परिस्थितियों में महंगाई लक्ष्य से अधिक हो गई, जिसमें सुधारात्मक उपाय का भी डीटेल होगा.  इससे पहले 2016 में स्पेशल MPC मीटिंग हुई थी. 

3 नवंबर को स्पेशल MPC मीटिंग 

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इवेंट में गवर्नर ने बताया कि महंगाई पर RBI की नजर उसी तरह नजर रख रहा है, जैसे महाभारत में अर्जुन ने एक घूमने वाली मछली की आंख में तीर मारने के लिए ध्यान केंद्रित करते हुए रखी थी. शक्तिकांत दास का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महंगाई तेजी से बढ़ रही है. साथ ही केंद्र सरकार ने इस पर RBI से रिपोर्ट मांगा है. 3 नवंबर की मीटिंग दरों पर फैसला लेने वाले सदस्य भी शामिल होंगे. 

RBI के दायरे से बाहर महंगाई

रिटेल महंगाई के आंकड़े सितंबर में 7.4 फीसदी रही, जो पिछले 5 महीने में सबसे ज्यादा है. साथ ही RBI के तय दायरे से लगातार 9वीं बार महंगाई दर बाहर रही. इसकी बड़ी वजह खाद्य महंगाई में तेज उछाल रही.खाद्य महंगाई सितंबर में 22 महीने के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गई. 

रेपो रेट में इजाफा संभव

चुंकि महंगाई को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक के पास दरों में इजाफा करना ही एकमात्र रास्ता होता है. ऐसे में संभव है कि स्पेशल MPC मीटिंग में एक और बढ़ोतरी देखने को मिले. जानकारों का भी यही मानना है कि मीटिंग में रेपो रेट पर अहम फैसला हो सकता है. इसमें महंगाई पर काबू पाने के लिए RBI दरों में एक और बढ़ोतरी हो सकता है. 

पिछले दिनों गवर्नर शक्तिकांत दास ने बेकाबू होती महंगाई पर काबू में अब तक असफल रही RBI की रणनीतियों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि अगर केंद्रीय बैंक ने समय से पहले सख्ती की होती तो इसकी भारी कीमत देश को चुकानी पड़ती.

 

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दरों में बढ़ोतरी का असर जेब पर पड़ेगी

बता दें कि  मई 2022 से अबतक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 190 बेसिस प्‍वाइंट यानी 1.90 फीसदी) का इजाफा कर चुका है. नतीजतन, रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी हो गया है. रेपो रेट में बढ़ोतरी से होम लोन, ऑटो लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. साथ ही लोन की मौजूदा EMI में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.