RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC) ने सबको हैरान करते हुए गुरुवार को बेंचमार्क लेंडिंग रेट यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने अपने संबोधन में कहा कि MPC ने इस बार रेपो रेट को 6.5% पर कायम रखा है. इसके बाद सवाल उठे कि क्या आरबीआई ने एक बार फिर से रेपो रेट को स्थायी रखने का रुख अपना लिया है? क्या अब रेपो रेट में हाइक देखने को नहीं मिलेगी? इसपर गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ किया है कि इस बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला स्थायी नहीं है. 

"फिर से वृद्धि करने में आरबीआई हिचकिचाएगा नहीं"

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चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भविष्य में ब्याज दर के मोर्चे पर जरूरत के लिहाज से कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि इस कदम को भविष्य के संकेतक के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि केंद्रीय बैंक जरूरत होने पर दरों में और वृद्धि करने में ‘हिचकिचाएगा’ नहीं.  दास ने कहा, ‘‘अगर मुझे एक लाइन में आज की मौद्रिक समीक्षा के बारे में बोलना हो, तो मैं यही कहूंगा कि रेपो दर में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन यह कदम स्थायी नहीं है.’’ इससे पहले दिन में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया है.

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विश्लेषकों को हैरान करने वाला फैसला

केंद्रीय बैंक का यह फैसला विश्लेषकों के लिए हैरान करने वाला है. विश्लेषक मान रहे थे कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बढ़ोतरी को रोकने से पहले रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करेगा. रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से रेपो दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि की है. दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में अबतक की गई वृद्धि के प्रभाव का आकलन करना चाहेगा. दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का इंफ्लेशन को निर्णायक रूप से नीचे लाने का काम खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा की प्राथमिकता मूल्य स्थिरता है. मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो दर को यथावत रखने का यह निर्णय ‘सिर्फ इसी बैठक के लिए’ है.

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रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि कच्चे तेल का औसत दाम 85 प्रति डॉलर पर रहने के अनुमान के आधार पर रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह अनुमान 90 डॉलर प्रति बैरल पर आधारित था.

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