भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के गंभीर नकदी संकट के हल के लिए दिशानिर्देशों का प्रस्ताव किया है, जिससे आईएलएंडएफएस (IL&FS) जैसे ऋण संकट की पुनरावृत्ति को रोका जा सके. इसके तहत एनबीएफसी पर भी बैंकों की तरह नियम लागू होंगे और उन्हें ज्यादा नकदी रखनी होगी. बैंकों की तरह एनबीएफसी में भी लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो लागू होगा.

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प्रस्ताव के अनुसार सभी जमा लेने वाली एनबीएफसी तथा जमा स्वीकार नहीं करने वाली 5,000 करोड़ रुपये के आकार वाले एनबीएफसी के लिए लिक्विड कवरेज रेशियो (एलसीआर) व्यवस्था शुरू की जाएगी. लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो नियम से डिफाल्ट की आशंका घटेगी.

 

रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी और मूल निवेश कंपनियों (सीआईसी) के लिए तरलता जोखिम प्रबंधन रूपरेखा पर सर्कुलर का मसौदा जारी किया है. एलसीआर व्यवस्था की ओर सुगम तरीके से जाने के लिए इस प्रस्ताव को अप्रैल, 2020 से अप्रैल, 2024 के दौरान क्रियान्वित किया जाएगा. ड्राफ्ट के मुताबिक एनबीएफसी छोटी मियाद की देनदारियों को बदले नकदी बनाए रखना होगा.