RBI Governor Speech updates: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच रिजर्व बैंक ने बुधवार को सिस्‍टम में लिक्विडिटी सपोर्ट को लेकर कई अहम एलान किए. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने सबसे अहम फैसला कोविड से जुड़े हेल्‍थकेयर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और सर्विसेज के लिए 50,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी का प्रावधान किया है. बैंकों की तरफ से इस लिक्विडिटी का इस्‍तेमाल अस्‍पताल, ऑक्‍सीजन सप्‍लायर्स, वैक्‍सीन इम्‍पोर्टर, कोरोना दवा के लिए प्रॉयरिटी लेंडिंग के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने इकोनॉमी पर तगड़ा असर डाला है. रिजर्व बैंक हालात पर नजर रखे हुए हैं. सभी रिर्सोसेज का इस्‍तेमाल किया जा रहा है.  दूसरी लहर के खिलाफ बड़े कदम की जरूरत  है. पहली लहर के बाद से देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही थी, लेकिन कोविड की दूसरी लहर ने स्थितियां खराब की हैं. फिलहाल ग्लोबल इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. आरबीआई ने दूसरा अहम फैसला गर्वनमेंट सिक्‍युरिटीज (G-Sec)की खरीद को लेकर किया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 35000 करोड़ रुपये की गर्वमेंट सिक्योरिटीज की खरीद का दूसरा चरण 20 मई को शुरू किया जाएगा.   

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 35000 करोड़ रुपये की गर्वमेंट सिक्योरिटीज की खरीद का दूसरा चरण 20 मई को शुरु किया जाएगा. यह सुवधिा मार्च 2022 तक के लिए रहेगी. बैंकों की तरफ से हेल्‍थ इंफ्रा कंपनियों के लिए कोविड के दौर में यह टर्म लिक्विडिटी फैसेलिटी है. 

20 मई को 35000 करोड़ के G-Sec की खरीद

आरबीआई गवर्नर दास ने एक और अहम फैसले में कहा कि 35000 करोड़ रुपये की गर्वमेंट सिक्योरिटीज (G-Sec) की खरीद का दूसरा चरण 20 मई को शुरू किया जाएगा. दअसल, सरकार खर्चों के लिए कर्ज जुटाने के लिए सरकारी बांड या सरकारी सिक्‍युरिटीज जारी करती है. इसका मतलब साफ है कि सरकार कोरोना महामारी के दौर में पब्लिक स्‍पेंडिंग यानी सार्वजनिक खर्चों को जारी रखेगी. 

छोटे असंगठित सेक्‍टर को भी राहत 

आरबीआई गर्वनर ने बताया कि स्‍माल फाइनेंस बैंकों ( SFBs) के लिए स्‍पेशल लॉन्‍ग टर्म ऑपरेशन का एलान किया है, जिससे कि वह माइक्रो, स्‍माल एंड अन्‍य असंगठित सेक्‍टर को सपोर्ट उपलब्‍ध करा सके. आरबीआई SFBs के लिए तीन साल के 10,000 करोड़ का टार्गेटेड लॉन्‍ग टर्म रेपो ऑपरेशन ( TLTRO) लाएगा.  यानी, इस सुविधा के तहत रेपो रेट पर स्‍माल बैंक लेंडिंग कर सकेंगे. 31 अक्‍टूबर 2021 तक यह सुविधा मिलेगी. इसमें प्रति बॉरोअर 10 लाख रुपये की लिमिट रखी गई है.  स्‍माल सेक्‍टर के लिए एक और अहम फैसला करते हुए आरबीआई गवर्नर ने एलान किया कि स्‍माल फाइनेंस बैंक अब 500 करोड़ तक माइक्रो फाइनेंस इंस्‍टीट्यूशंस को प्राइयारिटी सेक्‍टर लैंडिंग कर सकेंगे. यह सुविधा 31 मार्च 2022 तक के लिए उपलब्‍ध रहेगी. 

KYC नियमों में बदलाव

मौजूदा स्थिति में KYC नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं. वीडियो के जरिए KYC को मंजूरी दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में भी राहत दी है. इसके अलावा प्राथमिकता वाले सेक्टरों के जल्द ही लोन और इंसेंटिव का प्रावधान किया जाएगा. इसके अलावा बैंक कोविड बैंक लोन भी बनाएंगे.

नॉर्मल मानसून से कम होगी महंगाई

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस साल सामान्‍य मानसून के चलते खाने-पीने की चीजों की महंगाई में राहत मिलनी चाहिए. खासकर अनाज और दालों की दाम नीचे आने चाहिए. अप्रैल 2021 में भी देश के इम्‍पोर्ट और एक्‍सपोर्ट में ग्रोथ है. वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार यानी फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व से हमें भरोसा मिलता है कि मौजूदा ग्‍लोबल संकट से निपटने में दिक्‍कत नहीं आएगी. 

 

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