भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कड़ी मेहनत से हासिल की गई व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए मौद्रिक नीति को अतिरिक्त रूप से सतर्क रहना होगा. आरबीआई ने शुक्रवार को छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरे को जारी किया. इसके अनुसार दास ने कहा कि मौद्रिक नीति का मूल लक्ष्य महंगाई को चार फीसदी पर रखना है. 

लगातार चौथी बार रेपो रेट मेंटेन किया गया

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MPC (Monetary Policy Committee) ने इस महीने की शुरुआत में हुई अपनी बैठक में खुदरा महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार चौथी बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर रखने का फैसला किया. दास ने पांच अन्य सदस्यों के साथ रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने के लिए मतदान करते हुए कहा, ''मौद्रिक नीति को अतिरिक्त रूप से सतर्क रहना होगा और यदि जरूरी हो तो काम करने के लिए तैयार रहना होगा. कड़ी मेहनत से हासिल की गई व्यापक आर्थिक स्थिरता को बचाए रखना होगा.'' 

सप्लाई संकट बड़ी समस्या है

दास ने आगाह किया कि आपूर्ति पक्ष के बड़े और व्यापक झटके अपने साथ महंगाई का दबाव और मौद्रिक नीति की विश्वसनीयता को संभावित नुकसान जैसे जोखिम लेकर आते हैं. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर और एमपीसी सदस्य माइकल देवव्रत पात्रा ने कहा कि सितंबर और अक्टूबर के लिए महंगाई की सावधानीपूर्वक निगरानी करने की जरूरत होगी, ताकि उसके अनुमानों में हुई नरमी का पता लगाया जा सके. 

महंगाई काबू में रहेगी तो ग्रोथ स्टेबल रहेगा

उन्होंने कहा, ''अगर हम महंगाई पर स्थायी रूप से काबू पा लेते हैं, तो हम मजबूत और स्थिर वृद्धि की लंबी पारी के लिए जमीन तैयार कर लेंगे. हमारा अनुमान है कि वृद्धि दूसरी तिमाही से सकारात्मक गति पकड़ लेगी.'' एमपीसी में सरकार के तीन नामित सदस्य - शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं. समिति में आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन भी शामिल हैं.

 

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