भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने इंडस्ट्रीज को आश्वासन दिया कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति पर नजर रखे हुए है और वह जरूरत पड़ने पर जरूरी कदम उठाने से नहीं झिझकेगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर विशेष जोर दिया.

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उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों को दास ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के मेगा प्रोजेक्टेस में बड़े निवेश की जरूरत है. इससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है जैसा कि पूर्व में स्वर्णिम चतुर्भुज प्रोजेक्ट में देखने को मिला था.

उन्होंने कहा कि यह उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेसवे के साथ हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर के साथ शुरू हो सकता है. इससे जुड़े इकोनॉमी के कई दूसरे क्षेत्रों तथा रेल/सड़क नेटवर्क के आसपास के इलाकों को फायदा होगा. हमारे इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश की फंडिंग में सार्वजनिक और निजी निवेश दोनों जरूरी होंगे.

(रॉयटर्स)

दास ने कहा कि नीति आयोग के मुताबिक, देश को 2030 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के लिए 4,500 अरब डॉलर की जरूरत होगी. इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स के वित्त पोषण के बारे में उन्होंने कहा कि बैंकों के इस क्षेत्र को दिये गए लोन से जुड़े एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) उच्च स्तर पर बना हुआ है. ऐसे में वित्त पोषण विकल्पों को अलग रूप देने की जरूरत है.

इंडस्ट्रीज के लोन के एक बारगी पुनर्गठन और सीधे कंपनियों के बॉन्ड खरीदने के सुझाव पर दास ने कहा कि उन्होंने इस पर गौर किया है और जरूरत पड़ने पर सही कदम उठाए जाएंगे.

दास ने कहा, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि रिजर्व बैंक सतर्क रहेगा, हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जब भी कुछ कदम उठाने की जरूरत होगी, हम उससे नहीं झिझकेंगे. आपको म्यूचुअल फंड इंडस्ट्रीज की मदद के लिए आरबीआई को सही समय पर हस्तक्षेप के बारे में पता है और जब भी जरूरत होगी, आरबीआई हमेशा सक्रियता के साथ कदम उठाएगा.

कृषि क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें जरूरी बदलाव हुए हैं और कुल खाद्यान्न उत्पादन 2019-20 में रिकॉर्ड 29.6 करोड़ टन पहुंच गया. पिछले दशक के मुकाबले सालाना 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. दास ने हाल में कृषि क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित सुधारों को लागू किए जाने की सराहना की. उन्होंने कहा कि इन कदमों से इंडस्ट्री और कंपनियों के लिए पूरी तरह से नए मौके खुले हैं. इससे रोजगार और किसानों की इनकम में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है.

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत अब बिजली के क्षेत्र में सरप्लस वाला देश बन गया है और पड़ोसी देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है. कुल स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी मार्च 2020 में 23.4 प्रतिशत हो गई जो मार्च 2015 में 11.8 प्रतिशत थी.