भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने गुरुवार को साफ किया कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मैक्रो इकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्‍टैबिलिटी के लिए खतरा है, और इन मोर्चों पर चुनौतियों से निपटने की उसकी क्षमता इससे कमजोर होती है. गवर्नर ने निवेशकों को आगाह करते कहा कि ऐसे एसेट्स में कोई अंतर्निहित वैल्‍यू नहीं है, यहां तक कि एक ‘ट्यूलिप’ के बराबर भी नहीं. वहीं, भारत की पहली डिजिटल करेंसी पर उन्‍होंने कहहा कि पिछले दो साल से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है. इसके लॉन्‍च करने की फिलहाल कोई टाइमलाइन नहीं है. 

RBI पहले भी चता चुका है चिंता 

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RBI पहले भी ऐसे एसेट्स पर अपनी चिंता जाहिर कर चुका है. लेकिन, इस बार यह टिप्पणी इसलिए अहम है, क्योंकि हाल में आम बजट में ऐसे एसेट्स पर हुए प्रॉफिट पर 30 फीसदी टैक्‍स लगाने की बात कही गई है. क्रिप्टो स्‍टेकहोल्‍डर्स ने इस कदम का स्वागत किया था, क्योंकि इससे उनके व्यापार को 'वैधता’ मिलती है. 

 

शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘निजी क्रिप्टोकरेंसी या आप इसे जिस नाम से पुकारते हैं, यह हमारी मैक्रोइकोनॉमिक स्‍टैबिलिटी और फाइनेंशियल स्‍टैबिलिटी के लिए खतरा है. वे इन मैक्रोइकोनॉमिक स्‍टैबिलिटी और फाइनेंशियल स्‍टैबिलिटी से जुड़े मुद्दों से निपटने की आरबीआई की क्षमता को कमजोर करेंगे.’’

 

 

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निवेशकों को किया सावधान 

 

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि निवेशकों को सावधान करना उनका कर्तव्य है और उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं. दास ने आगे कहा, ‘‘उन्हें यह भी ध्यान रखना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी में कोई अंतर्निहित वैल्‍यू नहीं है, यहां तक कि एक ट्यूलिप के बराबर भी नहीं.’’ बता दें, 17वीं शताब्दी के ट्यूलिप मेनिया (ट्यूलिप उन्माद) को अक्सर असामान्य रूप से फाइनेंशियल बबल के एक क्‍लासिक उदाहरण के रूप में बताया जाता है. जहां किसी चीज की कीमत सट्टेबाजी के कारण बहुत बढ़ जाती है, न कि अंतर्निहित वैल्‍यू के चलते के कारण. 

 

पॉलिसी दरों में नहीं किया बदलाव 

 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया. MPC ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4 फीसदी (Repo Rate) पर बरकरार है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी (Reverse repo rate) पर स्थित रहेगी. पॉलिसी का रुख 'अकोमोडेटिव' रखा गया है. केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने लगातार 10वीं बार ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे पहले, रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को ब्याज दरों में बदलाव किया था. रिजर्व बैंक गवर्नर ने वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए रीयल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी जताया है.