Production linked PLI scheme: उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से सालाना आधार पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, पीएलआई योजना (PLI scheme) के तहत अगले पांच सालों में लगभग 2.4 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की पेशकश करके प्रमुख क्षेत्रों में मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. एमके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स के मुताबिक अबतक इस योजना को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स और दवा क्षेत्र से सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया मिली है.

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मैनुफैक्चरिंग कंपनियां क्षमता बढ़ा रही 

खबर के मुताबिक, मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि पीएलआई योजना में बढ़े हुए राजस्व के लिहाज से हर साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग चार प्रतिशत की वृद्धि करने की क्षमता है. मैनुफैक्चरिंग कंपनियां मजबूत रिटर्न की वजह से क्षमता बढ़ा रही हैं और यह रजिस्टर्ड नई मैनुफैक्चरिंग कंपनियों की संख्या से स्पष्ट है. विनिर्माण कंपनियों का रजिस्टर्ड पिछले सात सालों में अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और कुल रजिस्ट्रेशन में विनिर्माण कंपनियों की हिस्सेदारी भी पिछले एक दशक में लगभग उच्चतम स्तर पर है.

रिटर्न में करीब 20 प्रतिशत का सुधार हुआ 

रिपोर्ट में कहा गया कि पर्यावरणीय मंजूरी मांगने और मंजूरी देने की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में सबसे ज्यादा थी, यह आंकड़ा 2014-15 के मुकाबले 10 गुना था.रिपोर्ट के मुताबिक, नोटबंदी, जीएसटी और महामारी के अलावा उपभोक्ता मांग में कमी के चलते घरेलू विनिर्माण क्षेत्र प्रभावित हुआ था. इसके चलते मैनुफैक्चरिंग कंपनियों ने वित्त वर्ष 2017-18 तक नियोजित पूंजी पर मामूली रिटर्न दर्ज किया. इसके बाद रिटर्न में करीब 20 प्रतिशत का सुधार हुआ है.

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अलग-अलग सेक्टर के लिए है पीएलआई स्कीम

सरकार की तरफ से मैनुफैक्चरिंग के अलावा सेमीकंडक्टर, डिफेंस कंपनियों, टेलीकॉम सेक्टर, स्टील, बैटरी सेल के प्रोडक्शन, ड्रोन जैसे सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा की है. इसके अलावा गारमेंट और अपैरल सेक्टर के लिए भी पीएलआई स्कीम की तैयारी है.